अन्ना राइट टू रिजेक्‍ट अगली पीढ़ी पर छोड़ दें: सलमान खुर्शीद

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लखनऊ। चुनाव में किसी को भी खारिज किए जाने राइट टू रिजेक्ट के अधिकार की मांग ने पूरी राजनैतिक हलके में हलचल मचा दी है। कई राजनेताओं को ऐसा महसूस होने लगा है कि यदि कहीं यह विधेयक पारित हो गया तो जनता के हाथ एक ऐसा हथियार लग जाएगा जिससे वह नेताओं के करियर पर पूर्ण विराम लगा देंगे। अन्ना की इस मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए केन्द्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्षीद खुलकर तो कुछ नहीं बोल पाए लेकिन यह जरूर कहा कि अन्ना कुछ तो आने वाली पीढ़ी के लिए छोड़ दीजिए।

बुजुर्ग गांधीवादी अन्ना हजारे के में श्री खुर्षीद ने कहा कि उनका बहुत सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि उनका अहिंसात्मक आन्दोलन सभी को प्रभावित करता है लेकिन उन्हें राइट टू रिजेक्ट की मांग नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ चीजों को आने वाली पीढी पर छोड देना चाहिए।

ज्ञात हो कि अन्‍ना हजारे ने अनशन तोड़ने के पहले कहा था कि उनका अगला आन्दोलन चुनाव सुधारों को लेकर हो सकता है। उनकी इसी बात ने राजनैतिक गलियारों में हलचल मचा दी है क्योंकि वर्तमान आन्दोलन में नेताओं ने अन्ना की ताकत की झलक देख ली है। श्री खुर्शीद ने श्री हजारे के अनशन तोड़ने का स्वागत करते हुए कहा कि लोकपाल बिल जल्दी ही लोकसभा में पेश कर दिया जाएगा। अभी यह विधेयक लोकसभा के स्थायी समिति के पास भेजा गया है।

स्वामी अग्निवेश और केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल के बीच कथित रूप से हुई विवादास्पद बातचीत की जानकारी होने से उन्होंने इन्कार कर दिया। उन्होंने यह कहा कि उनसे और स्वामी अग्निवेश से इस बीच कई बार बातचीत हुई है लेकिन कभी भी उनकी बातचीत विवादित नहीं रही। इस बीच खुर्शीद ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की घोषणा पत्र समिति की बैठक में भाग लिया।