उफनाई गंगा के कहर से बचने के लिए ग्रामीण पलायन को मजबूर

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फर्रुखाबाद: गंगा और रामगंगा दोनों ही नदियाँ उफान पर हैं| भयभीत ग्रामीण प्रशासन से उम्मीद लगाये बैठा है कि उनको सुरक्षा और सुविधा मुहैया कराई जायेगी| लेकिन प्रशासन से उन्हें नाउम्मीदी ही नजर आ रही है|

रामगंगा खतरे के निशान से 60 सेंटीमीटर ऊपर 137.70 मीटर पर उफना रही है। जबकि गंगा भी खतरे के निशान से मात्र 10 सेंटीमीटर नीचे है। नरौरा बांध से 3,41,936 क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना है। इससे गंगा का जल स्तर शाम तक और बढ़ने की आशंका से प्रशासन इनकार नहीं कर रहा है।

बाढ़ का पानी हर घंटे बढ़ने से ग्रामीण भयभीत हैं। प्रशासन की ओर से नावों की व्यवस्था न हो पाने के कारण ग्रामीण भागने की स्थिति में भी नहीं हैं जो निकल भी आये वह मंडी परिसर या सड़क के किनारे ही अपना आवास बनाकर गुजर बसर कर रहे हैं|

शमसाबाद क्षेत्र के कई गांव बाढ के कारण चारों ओर से पानी से बुरी तरह घिर गये हैं। बाढ़ ग्रस्त अनेक ग्रामों में बीमारियों ने पैर पसारने शुरू कर दिये है। कई स्थानों पर ग्रामीणो ने गंव से पलायन कर सड़कों के किनारे डेररा डाल दिया है। विस्थावपितों की मदद को अभी प्रशासन कहीं नजर नहीं आ रहा है। ग्राम कासिमपुर तराई के ग्राम प्रधान बेदराम ने गांव छोड़कर आये लोगों को सिर छुपाने के लिये बीस-बीस मीटर पालीथिन वितरित की है।