आंगनबाडी का हाल: बच्चे चार उसमे भी दो सहायिका के

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फर्रुखाबाद: सबसे बुरा हाल तो आंगनबाडी केन्द्रों का है| जहां कही दो चार बच्चे है तो कहीं नाम मात्र भी नहीं|

शहर क्षेत्र के निनौआ ग्राम सभा के मजरा अलादादपुर में मात्र चार बच्चों के सहारे आंगनबाडी केंद्र चल रहा हैं| वहां के ग्रामीणों का कहना है आंगनबाडी केंद्र कभी कभी ही खुलता है इसमें पढ़ने वाले चार बच्चों में दो छात्र सहायिका गुड्डी के हैं| ग्रामीणों ने शिकायत की कि कई दिनों तक बच्चों को पंजीरी व अन्य खाध सामिग्री नहीं बांटी जाती है|

ग्रामीणों ने बताया कि अलादादापुर का आंगनबाडी कार्यकत्री सुनीता दीक्षित हैं जो कभी कभी ही केंद्र पर आती हैं| केंद्र का चार्ज सहायिका गुड्डी संभालती है| जो मात्र चार बच्चों के साथ केंद्र पर मुस्तैद थीं| सहायिका ने बताया कि बच्चे आते ही नहीं है|

ग्रामीणों ने बताया कि आंगनबाडी कार्यकत्री व सहायिका मिलकर पंजीरी बेंच लेती है साथ ही सहायिका गुड्डी के घर पर बंधे जानवर पंजीरी खाते हैं| सहायिका से पूंछे जाने पर बताया कि जानवर पंजीरी खाते है वह पंजीरी दूसरी जगह से 200 रुपये में खरीद कर लाते हैं|

इससे लगता है कि पंजीरी बच्चों को न खिलाकर बेंच देने का काला कारोवार करते हैं| प्रशासन का भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं है|
REPORT- DEEPAK SHUKLA