मंत्री के नाम पर अवैध वसूली ने रोकी अंबेडकर ग्रामों के विकास की राह

Uncategorized

फर्रुखाबाद: अंबेडकर ग्रामों में सीसी रोड के निर्माण कार्य थम गये है। ग्रामीण अभियंत्रण सेवा में मंत्री के नाम साढ़ छह प्रतिशत अतिरिक्त कमीशन की मांग के कारण ठेकेदारों ने हाथ खड़े कर दिये हैं। उधर विभागीय उच्चाधिकारियों ने भी अभी तक ठेकेदारों के बांड पर हस्ताक्षर नहीं कराये हैं।

विदित है कि अंबेडकर ग्राम बसपा सरकार का प्रमुख एजेंडा माने जाते हैं। परंतु इन्हीं अंबेडकर ग्रामों में सीसी रोड के निर्माण के लिये आया बजट फिलहाल खर्च होने की स्थिति नहीं है। कारण यह है कि सीसी रोड निर्माण के लिये चयनित नोडल विभाग आरईएस ने ठेकेदारों के बांड ही नहीं बनाये हैं। ठेकेदार इसके पीछे विभाग द्वारा साढ़ छह प्रतिशत अतिरिक्त कमीशन की मांग को पूरा न किया जाना बता रहे हैं। प्रकरण की शिकायत जिलाधिकारी से भी की गयी है। इसके बावजूद विभागीय अधिकारी हठधर्मिता पर अड़े हुए हैं। अधिकांश ठेकेदारों ने शुरुआती दौर में ही काम बंद कर दिये हैं

अंबेडकर ग्रामों मे नाली व सीसी सड़कों के निर्माण के लिये शासन से लगभग 12 करोड़ रुपये की कार्ययोजना स्वीकृत हुई है। शासन से इस मद मे लगभग 30 प्रतिशत बजट अवमुक्त भी किया जा चुका है। कार्यो के लिये बाकायदा टेंडर हो चुके हैं। कार्यआदेश जारी हो गये हैं। परंतु अभी बांड पर हस्ताक्षर नहीं हो पाये हैं। ठेकेदारों से स्पष्ठ रूप से कह दिया गया है कि यदि अतिरिक्त कमीशन धनराशि का अग्रिम भुगतान नहीं किये जाने तक बांड पर हस्ताक्षर नहीं कराये जायेंगे। ठेकेदारों ने बताया कि उनको स्पष्ट रुप से बता दिया गया है कि मामला मंत्री का है। अब यह कौन मंत्री कौन है। शासन का, पार्टी का या संगठन का, इस पर सब मौन हैं।

विदित है कि विभाग में लगभग 12 प्रतिशत कमीशन का तो पहले से ही रिवाज है। यह अतिरिक्त साढ़े छह प्रतिशत और लगने के बाद यह कमीशन लगभग 20 प्रतिशत हो जाता है। इसके बाद कुछ ठेकारों ने तो कार्य ही लगभग 10 से 12 प्रतिशत कम रेट पर लिया है। यदि ठेकेदार का 10 प्रतिशत मुनाफा भी जोड़ लिया जाये तो वास्तविक कार्य के लिये लगभग 60 प्रतिशत ही बचता है। जाहिर है इससे गुणवत्ता प्रभावित होगी व काम की जांच होने पर फिर ठेकेदार ही फंसेगा।

इस सम्बंध में ठेकेदारों ने जिलाधिकारी से भी शिकायत की है। सूत्रों की माने तो जिलाधिकारी को भी अधिकारियों ने ऊपर के निर्देशों के विषय में अपनी विवशता बतादी है। अब ठेकेदार निविदायें स्वीकृत हो जाने के बाद भी बांड पर हस्ताक्षर न कराये जाने के मामले में उच्च न्यायालय जाने की तैयारी में हैं।

अधिशासी अभियंता आरईएस रियाज अली लगातार यही कह रहे हैं कि वसूली व कमीशन की बात गलत है। अभी तक किसी ठेकेदार ने उनसे इस संबंध में शिकायत नहीं की है।