मीडिया में दलालों की पहचान के लिए प्रशासन ने कमर कसी

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फर्रुखाबाद: व्यापारिक हितो को प्राथमिकता देने के मकसद से खबरों को तोड़ मरोड़ कर पेश करके चंद लोगो को फायदा पंहुचाकर आम जनता में आक्रोश भड़क रहा है| जिला प्रशासन के कामो में दखलंदाजी से आजिज जिला प्रशासन ने मीडिया के दफ्तरों को पत्र भेज कर पत्रकारों की सूची उपलब्ध कराने के लिए लिखा है| पिछले दिनों एक कॉलेज में बीएड फीस में अवैध वसूली को लेकर हुए हंगामे में भी जिला प्रशासन मीडिया की भूमिका की जाँच कर रहा है| जिला प्रशासन इस बात की जाँच खासतौर पर कर रहा है की जब परीक्षा 11 बजे से थी तो छात्रो को कॉलेज में ७ बजे से पेपर होने की भ्रामक खबर क्यूँ छापी गयी?

अखबारों, वेबमीडिया और न्यूज़ एजेंसी चलाने वाले दफ्तरों में सूचना अधिकारी ने पत्र भेज कर इन संस्थानों में सम्बन्धित पत्रकारों के नाम पते व् मोबाइल नंबर मांगे है| प्रशासन ये जानना चाहता है कि कौन पत्रकार क्या करता है| फिलहाल अभी तक किसी ने भी अपनी सूची उपलब्ध नहीं कराई है| सबसे बड़ा संकट अखबार के लिए है जो वेतन भोगी को छोड़कर किसी को भी लिखा पढ़ी में अपना संवादाता नहीं बताता है|

जिला प्रशासन पिछले दिनों हुए बीएड अवैध फीस मामले को लेकर खासा चिंतित है| 27 जुलाई 2011 को बीएड का पेपर 11 बजे शुरू होना था मगर छात्र एक अखबार में 7 बजे से 11 बजे में परीक्षा की खबर पढ़ कर सुबह सुबह पहुच गए और परेशान हुए| इतना ही नहीं कॉलेज में जमकर छात्रो ने तोड़ फोड़ की और ला एंड ऑर्डर की स्थिति भी ख़राब हो गयी| इतना ही नहीं ……

प्रशासन इस बात की भी जाँच कर रहा है कि कहीं ये कोई गेम प्लान तो नहीं था| इस गेम प्लान के पीछे कौन है और क्या मकसद था|