बिजली के तार हैं या मकड़ी के जाल !

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फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड कहने को तो जीवन व घर में उजाला लाता है| लेकिन UPPCL की लापरवाही के कारण लोगों के जीवन में अन्धेरा भी हो सकता है|

मेरा मतलब है कि शहर में ऐसे कई मोहल्ले हैं जहां बिजली के पोल नहीं है लेकिन बिजली की लाईने बिछी हैं वह भी वहीं के निवासी लकड़ी के लट्ठों पर तार फैलाकर लम्बी केबिलें बिछाकर घरों तक रोशनी के लिए ये सारा तामझाम करना पड़ता है| देखने पर ये नहीं लगता है कि यह बिजली के तार हैं या मकडी के जाल| ये झूलते तार कभी भी लोगों की जान पर भारी पड़ सकते हैं| या काफी बड़ा हादसा भी हो सकता है?

इन लट्ठों पर बिछे तारों पर लोगों की काफी मेहरवानी रहती है जिसके घर की बिजली गयी वह आ गया लाठी डंडा लेकर और बरसा दी लट्ठों के ऊपर बिछे तारों पर अपनी कृपा…..@ उन्हें इससे क्या अपनी बिजली घर पर नहीं पहुँच रही तो दो और लोगों के बिजली के तार गिरा दिए| ऐसा आये दिन देखने को मिलता है….|

कही और जगह की बात ही क्यों करूँ ऐसा तो हमारे ही मोहल्ले गढ़ी असरफ अली जसमई चौराहा पर होता है ? बिजली के झूलते तार, दीवार का सहारा लिए अपने ऊपर केबिलों का बोझ लादे लकड़ी का सड़ा गला लट्ठा| लेकिन बिजली विभाग के कर्मचारियों पर इसका प्रभाव ही नहीं पड़ता है| कई वार शिकायत करने के बावजूद भी कोई कार्रवाई भी नहीं की गयी|

इन झूलते तारों से चोरों की भी चांदी है उन्हें इन तारों को काटने में कोई ख़ास मुश्किल नहीं उठानी पड़ती है| बस ज़रा सा हाँथ ऊपर किया और आ गयी केबिल हाँथ में जितनी चाहे उतनी काटें उनके बाप का क्या जाता है? जाता तो उनका है जो २०० या ३०० मीटर लम्बी केबिल बिछाकर घर रोशनी की जुगाड़ करते हैं|

लेकिन एक मामले में बिजली विभाग की दाद देनी पड़ेगी| बिजली आये या न आये खम्भे लगे या न लगे बिजली का बिल अपने सही समय पर सही जगह पर पहुँच जाता है|

वहीं नगरपालिका वह कहाँ पीछे रहने वाली| वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गयी ट्रैक्टर जेसीवी मशीन आयी इधर-उधर हाँथ मारा| नाले से कचरा उठा या न उठा| रोड पर लाकर पटक दिया| सफाई कर्मी लोगों पर रौव झाड़कर कहता है कि आपलोग इतनी गन्दगी करते हो हम लोग कहाँ तक यह सब करें? उसके बाद साहब गियर डालकर निकल लिए| नाले से निकला हुआ कचरा कौन उठाये वहीं पडा नहीं तो जहां से निकाला गया था वहीं दोवारा अपनी जगह ले लेता है|

अब बिजली विभाग ने नयी मुहीम लांच की है कि लटकते तारों का बिजिनेस प्लान? कहीं यह प्लान सिर्फ बिजिनेस प्लान ही न बनकर रह जाए|

झूलते व लटकते तारों पर मेहरवानी करते हुए दावा किया है कि बिजली की आँख मिचौली व झूलते तारों से लोगों को जल्द ही निजात मिलेगी| कहीं ये लोगों को लालीपाप दिखाकर बेवकूफ तो नहीं बना रहे हैं खैर जो भी हो|

बिजली विभाग का कहना है ” जगह-जगह बिजली के पोलों पर बने तारों के मकड़जाल से खतरा बना रहता है। इसे समाप्त करने के लिए विभाग ने योजना बनाई है। झुके पोलों व झूलते तारों को हटाकर नयी लाइन बिछाई जायेगी। अधिशासी अभियंता नगर सुरेश कुमार ने बताया कि बिजनेस प्लान के तहत यह योजना बनाई है। प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। मंजूरी मिलने के बाद नगर में जिन मोहल्लों में तार झूलते हैं, उन्हें बदलवा दिया जाएगा। पहले ऐसे मोहल्लों को चिह्नित किया जायेगा। ”

अवर अभियंता शिवकुमार ने बताया कि 133 केवी उपकेंद्र पर कच्ची अर्थिग का निर्माण कराने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। शीघ्र ही काम शुरू किया जाएगा। इससे केंद्र पर लगे ट्रांसफार्मर नहीं फुंकेंगे। उन्होंने बताया कि बिजली की आंख-मिचौनी की समस्या का समाधान होगा।