लखनऊ। राज्य के लोक निर्माण मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी के घर के बाहर सीवर की सफाई कर रहे दो सफाई कर्मियों की दम घुटने से मौत हो गयी। सफाई कर्मियों की मौत के बाद घर से बाहर निकल श्री सिद्दीकी ने घटना पर दुख जताया। उधर अन्य कर्मचारियों का आरोप है कि ठेकेदार ने कर्मचारियों को सीवर लाइन के भीतर उतरने को मजबूर किया जिस कारण उनकी मौत हो गयी।
राजधानी लखनऊ के वीआईपी इलाके हजरतगंज के विक्रमादित्य मार्ग पर लोक निर्माण मंत्री के घर के बारह सीवर चोक हो गया। सड़क से करीब 30 फीट गहरे सीवर के पाइप की सफाई के लिए ठेकेदार कर्मचारियों के साथ पहुंचा। नगर निगम ठेकेदार कृष्ण कुमार तिवारी ने अपने सहयोगी शाहिद अली को सफाई कराने का जिम्मा सौंपा।
शाहिद अली ने सफाई के लिए तीन मजदूर लगाए। सफाईकर्मी जब सीवर के भीतर उतरे तो भीतर की गर्मी व जलन के कारण उन्होंने भीतर जाने से इनकार कर दिया। मजदूरों का कहना था कि भीतर से निकलने वाली गैस जब तक भरी है तब तक भीतर नहीं जा सकते कुछ समय बाद प्रयास किया जाएगा।
मंत्री की नजर में खुद को बेहतर साबित करने के लिए ठेकेदार ने सफाई कर्मियों पर दबाव बनाया कि जैसे भी हो वे भीतर उतरें और जल्द से जल्द सफाई हो। काफी दबाव के बाद सफाई कर्मी पाइप लाइन में प्रवेश कर गए जिसके कुछ देर बाद ही दो मजदूरों की मौत हो गयी। मरने वालों में २० वर्षीय असगर अली व महबूब शामिल थे। सफाईकर्मियों की मौत के साथ ही मौके पर हंगामा हो गया।
हंगामे की आवाज सुनकर घर के भीतर मौजूद मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी आ गए। उन्होंने घटना पर दुख जताया। उधर मौके पर पहुंची पुलिस मामले का रफा-दफा करने की मुद्रा में आ गयी। सफाई कर्मियों की मौत के बाद समाजवादी पार्टी ने इस आपराधिक कृत्य बताया। पार्टी ने कहा कि बगैर गैस मास्क के सफाईकर्मियों को मैनहोल के भीतर क्यों उतारा गया। सपा ने दोषी लोगों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की।