फर्रुखाबाद:(नगर संवाददाता) दीपावली पर्व जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है मिट्टी के दीये व मूर्ति बनाने वाले कुम्हार समाज के लोग भी शीघ्रता से अपना कार्य पूरा करने में जुट गए हैं। कुम्हार समाज के लोगों में अधिक से अधिक दीये बनाकर बेचने की होड़ है। वहीं महंगी मिट्टी मिलने से लागत नहीं निकलने का संकट भी उन्हें सता रहा है। दीपावली पर्व में अधिक से अधिक मिट्टी के दीये बनाने के लिए सभी आतुर दिखाई पड़ रहे हैं।
दीपावली नजदीक आने के साथ ही कुम्हारों के चाक की रफ्तार तेज हो गई है। धीरे-धीरे लोगों का रुझान एक बार फिर दीये की तरफ बढ़ा है। जिसकों देखते हुए गांव में अब कुम्हारों के चाक भी गुलजार हो गए हैं। शहर के सुनहरी मस्जिद के निकट कुम्हार परिवार खुद चाक पर दीये व मिट्टी के बर्तन बना कर दीपावली की तैयारी में जुट गई हैं । कुम्हार सर्वेश नें बताया की तीन पीढि़यों से दीये बनाने का धंधा किया जाता है। सभी स्वजन अपना भरण पोषण कुम्हारी कला से ही करते हैं। रामजी शुक्ला निवासी फतेहगढ़ ने बताया कि
इस दीपावली में चाइनीज लाइट व झालरों के बजाय मिट्टी के सामान व खिलौनों का उपयोग किया जाएगा। मिट्टी का दीया जलाकर दीपावली मनाएंगे। मिट्टी से बने सामान का उपयोग कर स्थानीय कुम्हारों को बढ़ावा दिया जाएगा।
हर घर जलेंगे खुशियों के दीप
मिट्टी के दीये से दीपावली में दीपक जलेंगे, हर घर में रोशनी होगी। दीपों का पर्व दीपावली को अब कुछ ही दिन शेष है। इस समय कुम्हारों के हाथ भी चाक पर अनवरत घड़ी के सेकंड की सुई की तरह दौड़ रहे हैं। कुम्हारों की बस्तियों में जिधर भी नजर जा रही है
सबके सब मिट्टी के दीये बनाने में जुटे नजर आ रहे हैं। उनको यह विश्वास है कि इस बार उनके घूमते चाक से उतरने के बाद दीपक उनके घर में खुशियां लाएंगे।
एक रुपया में बिक रहा एक दिया
बाजार में मिट्टी का दिया एक रूपये में बिक रहा है| जबकि बड़ा दिया 5 रूपये से लेकर 10 रूपये तक बिक्री हो रहा है|