इलाज के अभाव में 12 घंटे तक तड़पता रहा दलित

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मोहम्दाबाद के डाक्टर ने लोहिया में किया परीक्षण

फर्रुखाबाद: एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की पोल खुल गयी| अब यह कहना गलत नहीं होगा कि स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों की लापरवाही की हद हो गयी है और मुख्य चिकित्साधिकारी का उन पर कोई अंकुश नहीं है|

कोतवाली मोहम्दाबाद के ग्राम मदनपुर के घायल दलित धर्मेन्द्र को बीती मध्यरात्री के बाद लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था| लोहिया अस्पताल के डाक्टर ने यह कहकर उसका चिकित्सीय परीक्षण व उपचार नहीं किया कि यह कार्य मोहम्दाबाद के डाक्टर को करना था|

दलित धर्मेन्द्र तड़पता रहा उसका न तो एक्स-रे किया गया और न ही कोई बेहतर इलाज| डाक्टर भी बार्ड में देखने नहीं गया| धर्मेन्द्र की पत्नी सुनीता ने बताया कि नर्स यह कहकर दवा रख गई कि जब कोई डाक्टर देखने आये तो उन्ही से पूंछ लेना कि दवा किस तरह खाई जायेगी| पीड़ित परिजनों ने बसपा नेता से गुहार लगाई| बसपा नेताओं ने जब दवाव बनाया तो मोहम्दाबाद के डॉ सोमेश अग्निहोत्री ने आज अपरान्ह २ बजे लोहिया अस्पताल पहुंचकर धर्मेन्द्र का परीक्षण किया|

बताया गया है कि शाम ढलते ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर ताले लग जाते हैं जिसके कारण पुलिस घायलों को वहां नहीं ले जाती, जबकि नियम यह है कि पीएचसी से ही घायल का परीक्षण अथवा रिफर होकर लोहिया अस्पताल आना चाहिए|