लखनऊ: लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर आज सुबह एक भीषण हादसा हो गया। उन्नाव के बेहटा मुजावर क्षेत्र के गढ़ा गांव के पास स्लीपर बस आगे चल रहे दूध के टैंकर में पीछे से टकरा गई। हादसे में एक बच्चे समेत 18 लोगों की मौत हो गई, जबकि 19 लोग घायल हो गए।
इस हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुख जताया है। प्रधानमंत्री ने हादसे में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। घायलों को 50 हजार रुपए दिए जाएंगे।हादसा सुबह करीब 5:30 बजे हुआ है। स्लीपर बस आगे चल रहे दूध टैंकर में पीछे से टकरा गई। हादसे के बाद चीख-पुकार मच गई। यूपीडा कर्मियों ने पुलिस को सूचना देकर बचाव कार्य शुरू किया। इसी बीच मौके पर पहुंची बांगरमऊ, बेहटामुजावर थाना पुलिस ने राहगीरों की मदद से बस में फंसे लोगों को बाहर निकलवाया।
एसडीएम नम्रता सिंह ने पहले घटनास्थल पर पहुंचकर जांच की फिर सीएचसी में घायलों से जानकारी ली। डॉक्टरों को इलाज के निर्देश दिए।
सीओ अरविंद सिंह ने बताया कि बस बिहार से दिल्ली जा रही थी, जिसमें अधिकतर मजदूर सवार थे। बस में करीब 50 लोग सवार थे, चालक को झपकी लगने से हादसे की संभावना है। दिवंगत लोगों व घायलों के नाम पते की जानकारी कराई जा रही है, सभी को बांगरमऊ सीएचसी में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है बिहार के शिवहर जिले से ‘नमस्ते बिहार’ नामक बस चलती है, इसमें काफी यात्री सवार थे। इसकी दूध के कंटेनर से टक्कर हो गई, जिसके कारण 18 लोगों की मौत हो गई, 19 लोग घायल हैं। अन्य 22 सुरक्षित लोगों को उनके गंतव्य के लिए अन्य बस से रवाना किया जा रहा है। डीएम ने मामले पर संज्ञान लेते हुए आरटीओ को निर्देश दिए हैं, मामले में एफआईआर कराई जा रही है।
प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सड़क दुर्घटना का संज्ञान लिया और मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत कार्य तेजी से करने के निर्देश दिए।
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर हुए हादसे में 18 लोगों की मौत का कारण बीजेपी सरकार की लापरवाही बताया है। इसके साथ ही छह सवाल उठाते हुए भाजपा सरकार से इन प्रश्नों का जवाब मांगा है।अखिलेश ने कहा कि ये जांच का विषय है कि, एक्सप्रेसवे पर विशेष पार्किंग जोन की व्यवस्था होते हुए भी कोई वाहन बीच रास्ते में क्यों खड़ा हुआ था। सीसीटीवी के लगे रहने के बावजूद खड़े वाहन की निगरानी में चूक कैसे हुई। क्या सीसीटीवी काम नहीं कर रहे थे। अखिलेश ने पूछा, हाई-वे पुलिस कहां थी, क्या नियमित पेट्रोलिंग नहीं हो रही थी।इस हादसे के बाद हाईवे एम्बुलेंस सर्विस कितनी देर में पहुंची और हताहतों के संबंध में उसकी भूमिका क्या रही। यदि गाड़ी खराब होने के कारण खड़ी थी, तो उसे टोइंग सहायता क्यों नहीं पहुंची। एक्सप्रेसवे पर प्रतिदिन करोड़ों रुपए लिए जाते हैं वो पैसा एक्सप्रेसवे के व्यवस्थापन और प्रबंधन में न लग कर, क्या कहीं और जा रहा है।