डीजी जेल को भेजी गयी बंदी रक्षक की मौत मामले की रिपोर्ट

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) बीते दिन जिला जिला जेल के बंदी रक्षक की मौत के बाद जेल अधीक्षक पर बंदी रक्षकों के द्वारा लगाये गये गंभीर आरोप लगाये गये थे| उधर पुलिस नें शव का पोस्टमार्टम भी कराया| पोस्टमार्टम में ह्रदयगति रुकने से मौत होना बताया गया है| मामले की जाँच रिपोर्ट डीजी कारागार को भेजी गयी है |
दरअसल जिला जेल में तैनात 57 वर्षीय बंदी रक्षक जगदीश प्रसाद पुत्र राम सहाय को सीने में दर्द की समस्या के चलते लोहिया अस्पताल में भर्ती किया गया था| जहाँ ईएमओ डॉ. अभय श्रीवास्तव ने मृत घोषित कर दिया था| साथी की मौत की खबर पर दर्जन भर से अधिक बंदी रक्षक मौके पर लोहिया अस्पताल पंहुचे और जेल अधीक्षक भीम सेन मुकुंद पर समय से अवकाश ना देनें का आरोप लगाया था| बंदी रक्षकों का आरोप था की ना उन्हें बीमारी में ना ही परिजनों की बीमारी में अवकाश दिया जाता था| मृतक जगदीश भी काफी दिनों से अवकाश मांग रहे थे| लेकिन जब उनकी हालत बिगड़ी तो उन्हें लोहिया भेजकर भर्ती कराया गया|
पोस्टमार्टम मे हदयगति रुकनें से मौत
पुलिस नें बंदी रक्षक जगदीश प्रसाद के शव का पोस्टमार्टम कराया| शव के पोस्टमार्टम में सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पोस्टमार्टम में ह्रदयगति रुकनें से ही बंदी रक्षक की मौत होनें की पुष्टि हुई है|
डीआईजी नें डीजी को भेजी जाँच रिपोर्ट
सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक व प्रभारी डीआईजी पीएन पाण्डेय में मामले की जाँच कर रिपोर्ट डीजी कारागार को भेज दी है|
जिला जेल अधीक्षक भीम सेन मुकुंद नें जेएनआई को बताया कि बंदी रक्षकों का आरोप गलत है| बंदी की मौत से पूर्व किसी को कोई समस्या नही थी अब बंदी रक्षक की मौत के बाद बखेड़ा खड़ा किया जा रहा है| अवकाश सुरक्षा व्यवस्था प्रभावित ना हो इस हिसाब से दी जाती है| प्रभारी डीआईजी प्रेम नाथ पाण्डेय नें जेएनआई को बताया कि उन्होंने मामले की रिपोर्ट डीजी को भेज दी है|