चुनाव की सरगर्मी चरम पर,मतदाताओं के सामने दंडवत हुए नेताजी

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डेस्क: लोकसभा चुनाव के महासंग्राम को फतह करने के लिए संभावित उम्मीदवारों की चहलकदमी इन दिनों मतदाताओं के बीच बढ़ गई है। चुनाव में जीत हासिल करने के लिए इन पदों के भावी प्रत्याशी तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैैं।संभावित उम्मीदवार अब तरह-तरह के प्रलोभन देकर अपनी चुनावी नैया पार करने की कवायद में जी जान से जुटे हैं। कुछ भावी प्रत्याशी अथवा मठाधीश जातीय समीकरण पर अपनी गोटी बैठाने का चुनाव प्रचार की प्रक्रिया को अपना रहे हैं तो कुछ पार्टी भी दे रहे हैैं। इसी प्रकार शिक्षित लोग विकास के नाम पर जातीय समीकरण का हवा निकालने के लिए अभी से तैयार हैं। इनमें कुछ बुद्धिजीवी वर्ग का कहना है कि चुनाव के दौर में भावी प्रत्याशियों को भूले हुए संस्कार के साथ जातीय समीकरण याद आने लगता हैं। शिक्षित मतदाता जातीय प्रलोभन को भूलकर विकास के नाम पर मतदान करने का अभी से मन बना लिया है। फिलहाल भावी प्रत्याशी हर तरह से अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश में जुटे हैैं। सुबह जन संपर्क के लिए निकलते हैैं तो सबसे पहले घर के बुजुर्गों का पैर छूते हैैं। इसके बाद दिन भर बड़े-बुजुर्ग मतदाताओं के सामने दंडवत होते हैैं। यही नहीं बच्चों को दुलारते हैैं तो हम उम्र मतदाताओं से हाथ मिलाने के साथ गले लगने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैैं।