कानपुर: राहुल गांधी कानपुर घंटाघर आते ही सीधे जनसभा को संबोधित करने मंच पर पहुंचे और अपने संबोधन में कहा कि वह एक साल पहले चार हजार किलोमीटर चले। जनता के साथ गले लगते थे सेल्फी लेते थे। वैसा ही लक्ष्य इस यात्रा में है। उन्होंने कहा की वह नफरत की बाजार में मोहब्बत की दुकान लेकर आए हैं।यह देश नफरत नहीं भाईचारा,मोहब्बत एक-दूजे की मदद का है। नफरत करने का कारण लोगों से पूछा तो पता चला कि पिछड़े, दलित, आदिवासी हो तो कुछ भी कर लो न्याय नहीं मिलेगा। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से न्याय नहीं मिल सकता, नेता भी साथ नहीं देंगे। नफरत व गुस्से का यही कारण है। पिछड़े लोग इस देश मे 50 प्रतिशत हैं।अल्पसंख्यक 15 प्रतिशत, आठ प्रतिशत आदिवासी हैं। करीब 90 प्रतिशत आबादी परेशान है। बड़ी कंपनियों में मालिक हैं जो उनमें दलित आदिवासी एक भी नहीं हैं। आपकी कोई भागीदारी कहीं नहीं है। इसीलिए सबसे कहा है कि हिंदुस्तान की प्रगति के लिए सबसे बड़ा क्रांतिकारी कदम जातिगत जनगणना और आर्थिक सर्वेक्षण है। इससे सबका पैसा पता चलेगा। इससे पता चलेगा कि अदाणी, अंबानी टाटा व बिरला जैसे राज कर रहे हैं। नए हिंदुस्तान के राजा ये तीन प्रतिशत लोग हैं। बाकी पर पेपर लीक,जीएसटी लागू होती है।सरकारी भर्तियां नहीं होती। अग्निवीर योजना धोखा है। सेना में जाने का रास्ता बंद किया है। इस देश मे कितना चिल्लाओ आपको रोजगार नहीं मिल सकता। नरेन्द्र मोदी चाहते हैं कि आपको रोजगार न मिले तभी आप उनके गुलाम बनकर रहेंगे। राम मंदिर शुभारंभ व रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में दलित, पिछड़े नहीं जा सके। यही इनकी सामाजिक समरसता है। वहां अंबानी अदाणी, मोदी थे पर मजदूर, किसान व भूखे-नंगे और गरीब नहीं थे।