फर्रुखाबाद:(अमृतपुर संवाददाता) गंगा का जल इस्तर बीते दो दिनों से कम हुआ है लेकिन रामगंगा फिलहाल स्थिर हैं| लेकिन सैलाब के क्षेत्र में ग्रामीणों की मुश्किल कम नही हो रही| रामगंगा के किनारे स्थित गांवों में भी खौफ के हालात हैं। हर साल आनें वाली बाढ निचले इलाके के लोगों में एक भय छोड़ कर जाती है| किसी का मकान तो किसी का खेत और तो और किसी के जिगर का टुकड़ा ही सैलाब में समां जाता है|
दरअसल बीते दिन गंगा में 137.25 मीटर पानी दर्ज किया गया था| लेकिन शुक्रवार को गंगा 5 सेंटीमीटर कम हो गयीं| जिससे गंगा अब 137.20 मीटर पर पंहुच गयीं हैं| रामगंगा बीते दिन 134.80 थी वह शुक्रवार को भी स्थिर रहीं | गंगा में नरौरा बांध से 1,07,213 क्यूसेक पानी छोड़ा गया| वहीं रामगंगा में 24263 क्यूसेक पानी छोड़ गया | तो आगामी लगभग तीन दिन में दोनों नदियों में पंहुचेगा |
अमृतपुर तहसील के यह गाँव हैं पानी-पानी
जिसमें कुडरी सारंगपुर, करनपुर घाट, बनारसीपुर, फखरपुर, भाऊपुर चौरासी, बगिया आसमपुर, मंझा की मड़ैया, मंझा अमरपुर, बारूआ, बमीयारी, लाइकपुर, कंचनपुर, सबलपुर, सैदापुर, रामपुर जोगराजपुर, पश्चिमी गोटिया, पूर्वी गोटिया, तीस राम की मैडयां, इमादपुर सोमवंशी, हमीरपुर सोमवंशी, चित्रकूट, भरखा, भुसेरा, सलेमपुर, सरी, सवासी, दहेलियां, तेहरा, अकबरपुर, सुंदरपुर, सरह, खुटिया आदि गांव में बाढ़ का पानी भरा हुआ है|
बाढ़ प्रभावित गांवों में यह है प्रमुख समस्या
गांव के व्यक्तियों को निकलने में काफी परेशानी हो रही है| महिलाओं और बुजुर्गों को शौच करने की काफी दिक्कत हो रही है| जानवरों को हरा चारा नहीं मिल रहा है| चारे का बहुत बड़ा संकट है| जानवर बाढ़ के पानी में ही बंधे हुए हैं उन्हें खुर पका बीमारी हो सकती है| लिंक रोड ऊपर 2 फुट गहरायी से पानी भरा हुआ है जहां पर पानी निकलने का रास्ता नहीं है तो वहां पर मच्छर अधिक पनप रहे हैं| बिजली संकट से बाढ प्रभावित गाँव जूझ रहें है|