फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) विशेष अदालत एससीएसटी के न्यायाधीश महेंद्र सिंह ने मारपीट के मुकदमे में युवक को दोषी पाकर एक साल की परिवीक्षा अवधि पर रिहा कर दिया है। 25 हजार रुपये का व्यक्तिगत बंधपत्र दाखिल करना होगा और 15 दिन के अंदर जिला प्रोवेशन अधिकारी के कार्यालय में उपस्थित दर्ज करानी होगी। इस एक साल की अवधि में सदाचार का पालन करना होगा।
मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र के गांव खिरिया मुकुंद निवासी पदम नारायन सिंह जाटव अपने भाई राज कमल के साथ एक फरवरी 2011 को स्कूल से घर जा रहे थे। साढ़े दस बजे गांव करनपुर निवासी रोहित ने अन्य साथियों के साथ उसको घेर लिया और जाति सूचक गाली गलौज कर मारपीट की। जिससे उसके आंख के पास चोट आई। हमलावर वहां से भाग गए। पदम नारायन सिंह ने घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने जाचं कर रोहित के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अशोक कटियार ने दलीले पेश की। सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायाधीश ने आरोपी को दोषी पाकर एक साल की परिवीक्षा अवधि पर रिहा कर दिया। एक साल तक सदाचार बनाए रखने का आदेश दिया है।