समीम हत्याकांड: गवाहा ने अंगूठा निशान बताया फर्जी, होगी जांच

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) शमीम हत्याकांड के मुकदमे में गवाही देने आए चश्मदीद गवाह ने पूर्व में गवाही देने से इनकार कर दिया है। उसके स्थान पर दूसरे व्यक्ति को खड़ा कर गवाही कराने मामला सामने आने पर न्यायाधीश ने पूर्व में गवाही में लगे अंगूठा के निशान और अब गवाही देने आए चश्मदीद गवाहा के अंगूठा के निशान जांच कराने का आदेश हैं। इसके लिए मूल पत्रावली से अभिलेख लेने के लिए अंगुल चिह्न ब्यूरों लखनऊ को सक्षम अधिकारी को भेजने का आदेश दिया है।
कन्नौज के समधन निवासी शमीम की वर्ष 1997 में फतेहगढ़ चौराहा के पास गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इसमें बसपा नेता अनुपम दुबे, शिशु उर्फ बालकिशन, राजू लगड़ा समेत अन्य आरोपी थे। आरोपी राजू लगड़ा की पत्रावली अलग कर वर्ष 2000 में निस्तारण हो गया था। जिसमें आरोपी राजू लगड़ा हत्या के मुकदमे में साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त हो चुका है। अब बसपा नेता अनुपम दुबे व शिशु उर्फ बालकिशन के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई हो रही है। मुकदमे में गवाही देने आए चश्मदीद गवाहा इदरीश ने कोर्ट में कहा कि आरोपी राजू लगड़ा के मुकदमे में वह गवाही देने नहीं आया था और न उसके कोई बयान हुए थे। जबकि पत्रावली में उसकी गवाही और कलम बंद बयान शामिल है। जिसमें अंगूठे का निशान लगा है। गवाही देने आए गवाहा और पूर्व में गवाही के दौरान कागजों में लगे अंगूठा निशानी को जांच के लिए अंगुल चिह्न ब्यूरो लखनऊ भेजे गए। वहां रिपोर्ट आई की स्पष्ट न होने के कारण मिलान नहीं हो सका। पत्रावली में हो मूल अभिलेख मिलने पर जांच हो सकती है। न्यायाधीश राकेश कुमार सिंह ने अंगुल चिह्न ब्यूरो लखनऊ के निदेशक को 27 जून को सक्षम अधिकारी को न्यायालय में भेज कर पत्रावली से अभिलेख लेने का आदेश दिया। साथ ही अंगूठे के निशान का मिलान कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।