पांच मंत्र अपनाएं डेंगू पर विजय पायें

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) डेंगू मरीज की पहचान न होने और समय से इलाज न होने पर खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। लोगों को भी चाहिए कि अगर डेंगू का लक्षण दिखे तो तुरंत सरकारी अस्पताल में जाकर निःशुल्क जांच कराएं और इलाज शुरू करवा दें । यह जानकारी प्रभारी मलेरिया अधिकारी डॉ आर सी माथुर ने बाबू सिंह जय सिंह नर्सिंग पैरामेडिकल कॉलेज और अनार सिंह मेडिकल कॉलेज में मेडिकल के छात्र छात्राओं को दी l इस दौरान पोस्टर और भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया l
साथ ही कहा कि पूरे बाजू के कपड़े पहनने, मच्छर अगरबत्ती व मच्छरदानी का प्रयोग करने, कहीं भी साफ पानी का ठहराव न होने देने, साफ पानी के ठहराव वाले घरेलू व सामुदायिक स्थानों की नियमित सफाई करने और लक्षण दिखने पर तुरंत अस्पताल जाने जैसे पांच मत्रों को अगर लोग अपना लें तो डेंगू का प्रसार रुक जाएगा ।
वहीं प्रभारी सहायक मलेरिया निरीक्षक नरजीत कटियार ने डेंगू प्रभावित क्षेत्र जहानगंज में जन चौपाल लगाकर लोगों को डेंगू से कैसे बचें जानकारी दी और प्रचार प्रसार सामग्री का वितरण भी किया l नरजीत ने बताया कि जहानगंज में लगातार दो तीन वर्ष से डेंगू के मरीज मिल रहे हैं इस बार ऐसा न होने पाए इसके लिए हम सभी को अभी से जागरुक होना होगा l
नरजीत ने बताया कि डेंगू एक मच्छर जनित बुखार है| सिर्फ प्लेटलेट्स काउंट कम होने को ही डेंगू नहीं कह सकते,जब तक एलाइजा टेस्ट पॉजिटिव न आये| उन्होंने बताया कि ठण्ड लगने के साथ अचानक तेज बुखार चढ़ना| सिर, मांस पेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना| आँखों के पिछले भाग में दर्द होना जो आँखों को दबाने या हिलाने से और भी बढ़ जाता है| अत्यधिक कमजोरी लगना,भूख में बेहद कमी तथा जी मिचलाना| मुंह के स्वाद का खराब होना| गले में हल्का सा दर्द होना| शरीर में लाल ददोरे —रिश- का होना आदि डेंगू के लक्षण है| 
वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक अशोक यादव ने सिविल लाइन मढैया, हाथीखाना और भकरामऊ में लोगों को डेंगू के प्रति जागरुक करने के साथ ही 26 घरों में लार्वा स्रोत का निरीक्षण किया इस दौरान 3 घरों में लार्वा मिले जिनको मौके पर ही नष्ट कराया l
इस दौरान अशोक ने बताया कि डेंगू का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खास एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से ही होता है। यह मच्छर सामान्यतया दिन में काटते हैं और ठहरे हुए साफ पानी में ही पनपते हैं । सतर्कता ही इस बीमारी से बचाव है। मधुमेह के मरीजों और गर्भवती को खासतौर पर सतर्क रहने की आवश्यकता है। जिला महामारी विशेषज्ञ डॉ रणधीर सिंह ने कहा कि दुनिया भर में मच्छरों की 2500 प्रजातियां हैं। अधिकतर संक्रामक बीमारियां इनके काटने से होती हैं। इनमें से डेंगू भी एक मच्छर जनित बीमारी है जो मादा एडीज मच्छर के काटने से होती है। डेंगू के मच्छर साफ ठहरे हुए पानी में अंडे देते है और इनका विकास इतनी तेजी से होता है कि 7 दिन में लार्वा और मात्र 10 से 14 दिन में एक वयस्क मच्छर तैयार हो जाता है। पानी की खुली टंकियां ,गमलें के नीचे रखी प्लेट, पशु पक्षी के पीने का पानी, छत पर रखे कबाड़ व पुराने टायर, फ्रिज के नीचे की ट्रे, टूटे बर्तन में जमा थोड़ा पानी भी इनके पनपने के लिए पर्याप्त होता है।
इस दौरान मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल मीना कुमारी वायोलाजिष्ट श्री राम शुक्ल, फाइलेरिया निरीक्षक दीपांशु, योगेश , मलेरिया निरीक्षक अजय सिंह, विकास दिवाकर फील्ड वर्कर अभिषेक, विजय, विकास, प्रवीन सहित अन्य लोग मौजूद रहे l