अभियान चलाकर तम्बाकू प्रेमियों से वसूला गया जुर्माना

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) “राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम” के अन्तर्गत कोटपा अधिनियम 2003 के तहत मंगलवार को कलेक्ट्रेट, फतेहगढ़ चौराहा निकट केंद्रीय विद्यालय, डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय और रोडवेज बस स्टेशन पर मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी आशुतोष रॉय, खाद्य सुरक्षा अधिकारी विपिन कुमार की अगुयाई में अभियान चलाकर तम्बाकू प्रेमियों से जुर्माना वसूला गया l
मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि तंबाकू नियंत्रण कानून (कोटपा) 2003 के तहत सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने, खुलेआम तंबाकू से संबंधित सामग्री बेचने पर कार्रवाई की जाती है। इसके तहत 200 रुपए से 10,000 रुपए तक जुर्माना और 5 साल की कैद तक का प्रावधान है|
आज चले अभियान के तहत कुल 10 लोग धूम्रपान करते हुए पकड़े गए जिनसे 1250 रूपये जुर्माना वसूला गया | साथ ही इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट अधिनियम 2019 के तहत किसी के पास इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट नहीं मिली|
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी डॉ दलवीर सिंह ने बताया कि हर वर्ष लगभग नौ लाख भारतीय तम्बाकू सेवन के कारण जान गंवाते हैं जो क्षय रोग, एचआईवी/एड्स एवं मलेरिया से होने वाली मौतों से अधिक है। इसलिए इसको रोकने के लिए हम सभी को मिलकर तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम को सफल बनाने में अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों का पालन करना होगा|
तम्बाकू निंयत्रण कार्यक्रम के जनपद सलाहकार सूरज दुबे ने बताया कि धूम्रपान हमारे शरीर के लिए बहुत ही घातक है | धूम्रपान और तंबाकू सेवन को लोग केवल फेफड़ों के लिए ही नुकासनदेह मानते हैं, लेकिन इससे पूरे शरीर को नुकसान होता है| सूरज ने बताया कि तंबाकू उत्पादों के चबाने से या धूम्रपान के जरिए जहरीले रसायन लोगों के शरीर में घुस जाते हैं और इतना नहीं अब तंबाकू के नशे हुक्का जैसे कई नए रूपों में युवाओं तक पहुंचने लगे हैं. ऐसे में लोगों को तंबाकू के स्वास्थ्य संबंधी नुकसानों और सही जानकारी से अवगत करना बहुत जरूरी है|
सूरज ने बताया कि 5 दिसंबर, 2019 को इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध (उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन) अधिनियम, 2019 को अधिनियमित किया गया था। यह अधिनियम इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के उत्पादन, व्यापार, भंडारण और विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान करता है।
सूरज ने बताया कि इस कानून का पहली बार उल्लंघन करने वालों को एक साल तक की जेल और एक लाख रुपये का जुर्माना भरना होगा। इसके अनुसार, दोबारा पकड़े जाने पर तीन साल तक की जेल या पांच लाख रुपये का जुर्माना, या दोनों लगाया जाएगा। कानून के अनुसार, ई-सिगरेट के भंडारण पर छह महीने तक की कैद या 50,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों ही सजा से दंडित किया जा सकेगा। खाद्य सुरक्षा अधिकारी बिजेंद्र कुमार, आशीष वर्मा, डॉ शैलेन्द्र रावत सहित अन्य लोग मौजूद रहे|