फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) विशेष अदालत एससीएसटी के न्यायाधीश महेंद्र सिंह ने 13 वर्ष पुराने युवक को पीट कर जूतों की माला पहनाने और गोबर सुघाने के मुकदमे में पिता-पुत्र समेत सात लोगों को दोषी पाकर एक-एक साल की सजा सुनाई है। सात-सात हजार रुपये जुर्माना करने का आदेश दिया है। जुर्माना अदा न करने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतने का प्रावधान किया है।
कोतवाली मोहम्मदाबाद क्षेत्र के गांव भरतपुर निवासी रजनेश कुमार को 7 नवंबर 2011 को गांव गिररामपुर निवासी प्रदीप ने बहन के साथ राजकीय आश्रम इंटर कॉलेज के पास खड़े हुए देख लिया था। प्रदीप, उसके पिता नत्थूलाल परिवार के अन्य लोगों के साथ वहां गए और रजनेश को पकड़ कर उसके गांव भरतपुर ले गए। रजनेश को जूतों की माला पहनाई और जमीन पर पड़े गोबर को जबरदस्ती सुघवाया। इसके बाद मारपीट करने लगे। यह देखकर पिता और भाई बचाने आए तो उनको जाति सूचक गाली देकर अपमानित किया। रजनेश को सभी लोग पीटते हुए कोतवाली ले गए और पुलिस के हवाले कर दिया था। पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद रजनेश की तहरीर पर उसके साथ हुई मारपीट व जाति सूचक गाली गलौज करने के मामले की रिपोर्ट दर्ज की। विवेचक ने प्रदीप, उसके पिता नत्थूलाल, परिवार के कमलेश, मूलचंद्र, अनुराग ठाकुर, महेंद्र सिंह, वालिस्टर, धीर सिंह, अवनेंद्र, जयपाल, अरविंद व गांव भरतपुर निवासी सुरेंद्र सिंह के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अशोक कुमार कटियार ने दलीले पेश की। सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायाधीश ने वालिस्टर, सुरेंद्र, अवनेंद्र, जयपाल, अरविंद को साक्ष्य के अभाव में मुकदमे से दोषमुक्त कर दिया है। प्रदीप, उसके पिता नत्थूलाल, मूलचंद्र, अनुराग ठाकुर, महेंद्र सिंह, धीर सिंह , कमलेश को दोषी पाकर एक-एक साल की सजा सुनाई है। सात-सात हजार रुपये जुर्माना किया है। जेल में विताई गई अवधि को सजा में समायोजित करने का आदेश दिया है।