उन मशालों का क्या जो द्विवेदी जी की शान में रोशन होनें का करती रहीं इंतजार!

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) फर्रुखाबाद को आज भी कद्द्वर नेता रहे स्वर्गीय ब्रह्मदत्त की कर्म भूमि के रूप में पूरा देश जानता है| देश यह भी जानता है कि स्वर्गीय द्विवेदी पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के अतिकरीबियों में शुमार थे| आज भी पार्टी के नेता स्वर्गीय ब्रह्मदत्त द्विवेदी का नाम भुनने में कोई कोर कसर नही छोड़ते| शहर के कई नेता तो उनके नाम पर धन कुबेर भी बने| मंचों से कहते फिरते की हम सभी को स्वर्गीय द्विवेदी के पदचिन्हों पर चलनें का संकल्प लेना चाहिए| हमने भी स्वर्गीय द्विवेदी के मशाल जुलूस को देखा है जब बीजेपी सरकार में नही थी उस समय स्वर्गीय द्विवेदी जी के मशाल जुलूस में भीड़-ही भीड़ नजर आती थी| लेकिन अब तो सत्ता भी है और सरकार भी लेकिन उसके बाद स्वर्गीय द्विवेदी के मशाल जुलूस में एक सैकड़ा लोग भी एकत्रित नही हुए | तकरीबन एक सैकड़ा मशालें खुद को स्वर्गीय द्विवेदी जी की शहादत के दिन जलकर कुर्बान करनें को आतुर नजर आयीं, लेकिन बंद पड़ी मशालों का तेल उस जमीन ने पीकर सूख गया जो एक दिन स्वर्गीय द्विवेदी जी के खून से लाल हुई थी|
दरअसल 10 फरवरी को पूर्व मंत्री स्वर्गीय ब्रह्मदत्त द्विवेदी की लोहाई रोड़ पर गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी| स्वर्गीय द्विवेदी की हत्या में पूर्व सपा विधायक विजय सिंह आजीवन कारवास की सजा काट रहें है| पूर्व मंत्री श्री द्विवेदी की याद में पुन्यतिथि की पूर्व संध्या पर प्रतिवर्ष एक मशाल जुलूस रेलवे रोड़ पांडेश्वर नाथ मन्दिर से लोहाई रोड़ तक जाता है| जहाँ मशाल जुलूस से आपसी भाई चारे का संदेश भी दिया जाता है| मशाल जुलूस में भीड़ जुटानें के लिये युवा मोर्चा को जिम्मेदारी दी जाती है| लेकिन जितनी जिम्मेदारी भीड़ लानें की दी गयी भीड़ उसकी आधी भी नही पंहुची| पूरे जिले के 15 भाजयुमों के मंडलो के अध्यक्ष तक जुलूस में शामिल नही हुए| जुलूस में भाजयुमो जिलाध्यक्ष मयंक बुदेला, जिला महामंत्री राहुल राजपूत, नगर पूर्वी अध्यक्ष राकेश पाण्डेय, पश्चिमी रोहित कश्यप, दो जिला मंत्री अंकित तिवारी व अंकित गुप्ता, जिला शोध प्रमुख अमन अवस्थी, फतेहगढ़ भाजयुमो मंडल अध्यक्ष रानू दीक्षित ही नजर आये| जबकि सभी अध्यक्षों को अपनी कमेटी के साथ रहना था| लेकिन कमेटी तो दूर अधिकतर मंडल अध्यक्ष ही गायब रहे| सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मशाल के लिये कुल 200 बांस मंगाये गये थे जिसमे से 8 फटे होनें के चलते हटा दिये गये| कुल 192 मशालें बनायीं गयी थी| अब कितनों में आग लगी और कितनी ठंडी पड़ी रहीं यह फोटो बता रहा है| अधिकतर जली हुई मशालें चौक से पहले ही बुझ गयीं| जो नही जली उनके बांस क्या उल्टे बरेली जायेगें ???! खैर हमे क्या जो देखा वह लिखा कभी मशाले कम पड़ती थी आज उठानें वाले! फिलहाल सदर विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी, पूर्व जिलाध्यक्ष भूदेव राजपूत, जिलाध्यक्ष रुपेश गुप्ता, पूर्व जिला महामंत्री विमल कटियार, सपा से बीजेपी में आये विश्वास गुप्ता, नगर अध्यक्ष पश्चिमी विकास पाण्डेय, बीजेपी पूर्वी मंडल अध्यक्ष राजकुमार वर्मा, प्रबल त्रिपाठी, पियूष दुबे, कल्लू मिश्रा, मनोज हलवाई, अतुल शंकर दुबे, पंकज दीक्षित आदि नें मशाल थामी और लोहाई रोड़ पंहुचे | सदर विधायक नें कार्यकर्ताओं को स्वर्गीय द्विवेदी के आदर्शों से अवगत कराया और कहा कि हम सभी को उनके बताये मार्ग पर चलना चाहिए| सामने खड़े कार्यकर्ताओं नें नारे भी लगाये ‘जब तक सूरज चाँद रहेगा, स्वर्गीय द्विवेदी जी का नाम रहेगा!