गेंहूं खरीदः आरएफसी को मिले केंद्र बंद, दो नपे

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फर्रुखाबादः गेंहूं की सरकारी खरीद के नाम पर आढतियों और बिचौलियों की दलाली व किसानों के शोषण की तस्वीर बुधवार को आरएफसी के दौरे में नंगी होकर सामने आ गयी। अधिकांश केंद्र या तो बंद मिले या उनके केंद्र प्रभारी नदारद थे। हद तो यह है कि जनपद में तैनात डिप्टी आरएमओ को ही नहीं मालूम कहां केंद्र है और कहां नहीं। नाराज आरएफसी वेदप्रकाश वर्मा ने इन केंद्रों की स्वयं वीडियों किार्डिंग की और अनुपस्थित केंद्र प्रभारियों के निलंबन के आदेश कर दिये।

सरकारी गेंहूं खरीद के नाम पर किस प्रकार किसानों का उत्पीड़न हो रहा है यह किसी से छिपा नहीं है। भाजपा सहित अनेक राजनैति दल भी अब तो खुले आम गेंहूं खरीद में हो रही गडबड़ियों पा बसपा व सराकार को घेरने लगी हैं। उपसंभागीय खाद्य नियंत्रक वेद प्रकाश वर्मा ने बुधवार को यहां पहुंच कर गेंहूं खरीद केंद्रों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान श्री वर्मा के सामने सच नंगा खड़ा नजर आया। मंडी समिति कायमगंज में तथाकथित रूप् से संचालित गेंहूं खरीद केंद्र बंद पाया गया। खरीद केंद्र प्रभारी राम औतार गायब मिला। जबकि अपना गेंहूं लेकर आने वाले किसान मंडी में आढ़तियों के फड़ों पर लुटते नजार आयें। घटियाघाट पर एक शीत गृह में संचालित गेंहूं खरीद केंद्र पर तो स्थिति यह थी कि इसमें गेंहूं अंदर लाने का कोई रास्ता ही नहीं थां चारों ओर कोल्ड स्टोरेज से निकला आलू बिखरा पड़ा था। केंद्र से खरीद केंद्र प्रभारी अंबरीश यादव नदारद था। एक दो पल्लेदार टाइप के लोग बोरों पर लेटे आराम कर रहे थें। कांटा बांद सब कुछ अस्तव्यस्त पड़ा था और अभिलेख नदारद थें। आरएफसी श्री वर्मा ने स्वयं केंद्र की वीडियोंग्राफी की।

यहां से निकल श्री वर्मा ने साथ चल रहे डिप्टी आरएमओ याद राम से पूछा कि यहां पर पहले एक दूसरा खरीद केंद्र भी चला करता था। उसकी क्या स्थिति है, इस पर यादराम बोले ‘सर इस साल तो वह केंद्र खोला ही नहीं गया।’ परंतु साथ चल रहे मीडियाकर्मियों ने बताया कि नहीं केंद्र तो खुला है पर वहां कोई खरीदार है ही नहीं केेवल पल्लेदार आराम कर रहे हैं। आरएफसी ने पत्रकारों से आगे चलकर रास्ता दिखाने का अनुरोध किया और स्वयं अपने वाहन चालक को उनके पीछे चलने को कहा। आखिर पत्रकारों की मोटर साइकिलों के पीछे चलती आरएफसी की कार थोड़ी दूर पर स्थित गेंहूं खरीद केंद्र पर पहुंची तो स्थिति वैसी ही मिली जैसी बतायी गयी थी। यहां पर तराजू के साये में पल्लेदार मौज की नींद ले रहा था, और केंद्र प्रभारी सादिक अली नदारद थें। आप पास के लोगों ने बताया कि सादिक अली सुबह आये थे कही तकाजा करने की कहकर चले गये है। आज खरीदे गये बोरे भी दिखाये गये। उन्होंने घटियाघाट पर ही लाइन से बैठे आढ़तियों की दुकानों पर लगे किसानों के मेले को भी देखा।

श्री वर्मा ने बताया कि गायब मिले प्रभारी रामऔतार व अंबरीश यादव के निलंबन के आदेश कर दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि डिप्टी आरएमओ के विरुद्ध भी कार्रवाई की जायेगी। श्री वर्मा ने बताया कि भंडारण को लेकर स्थिति अभी विषम बनी हुई है। एफसीआई के खिमसेपुर स्थित गोदाम में मात्र दस बारह दिन की खरीद के लिये ही स्थान बचा है। ठंडी सड़क स्थित एक अन्य गोदाम के किराये को लेकर अभी विवाद की स्थिति बनी हुई है। शीघ्र ही इसका निस्तारण कर दिया जायेगा। उन्होंने स्वीकार किया कि यह स्थिति सचमुच शोचनीय है कि सरकारी खरीद का भाव अधिक होने के बावजूद किसान अपना गेंहूं सस्ते में आढ़तियों और बिचौलियों को बेचने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि इसकी समीक्षा के लिये उन्होंने अपर जिलाधिकारी को निर्देश दिये हैं।