27 साल बाद सूर्य ग्रहण दीपावली के बाद, जानें आप पर क्या होगा प्रभाव

FARRUKHABAD NEWS

डेस्क: दिवाली पूरे भारत में बड़े उत्साह से मनाया जाता है| हिंदू धर्म में दिवाली जिसे दीपावली भी कहते हैं, का पर्व कई दिनों का होता है. इसका प्रारंभ धनतेरस से शुरू होकर गोवर्धन पूजा तक चलता है| इस साल 2022 का दूसरा सूर्य ग्रहण दीपावली के दूसरे दिन 25 अक्टूबर को पड़ेगा। कार्तिक मास की अमावस्या का पड़ने वाला खंडग्रास सूर्य ग्रहण लगभग पूरे भारत में दिखाई देगा। अमावस्या के दिन लगने वाले इस सूर्य ग्रहण में लोकाचार और सूतक काल का मान होगा। आचार्य सर्वेश कुमार शुक्ल ने बताया कि 25 अक्टूबर को शाम 4:42 बजे से लगने वाले ग्रहण का मध्य काल शाम 5:14 बजे और मोक्ष काल शाम 5:22 बजे होगा।
दिवाली 2022 और सूर्य ग्रहण 2022  का संयोग
पंचांग के अनुसार दिवाली हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है. इस साल दीपावली 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी. हालांकि 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण भी लगने वाला है. हिदू धर्म ग्रंथों के मुताबिक, सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण शुरू होने के पूर्व 12 घंटे पहले से मान्य होता है|
दिवाली 2022 पर शुभ नक्षत्र और शुभ योग
ज्योतिषविदों के अनुसार, दिवाली के दिन हस्त नक्षत्र के बाद चित्रा नक्षत्र शुरू हो रहा है. इसके अलावा इस दिन बुध उच्चस्थ स्थिति में तथा शुक्र, शनि और वृहस्पति स्वराशि में विराजमान रहेंगे. ज्योतिष के अनुसार यह स्थिति बेहद शुभ होती है|
दिवाली 2022 की शुभता और प्रदोष काल
पंचांग के मुताबिक, कार्तिक अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर की शाम 5 बजकर 8 मिनट से शुरू होकर 25 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 34 मिनट पर समाप्त हो रही है. यद्यपि अमावस्या की उदयातिथि 25 अक्टूबर को है, परंतु अमावस्या तिथि का प्रदोष काल 25 अक्टूबर को न होकर 24 अक्टूबर को ही है. चूंकि दिवाली का पूजन प्रदोष काल काल में करना बेहद शुभ माना जाता है. इस लिए दिवाली 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी. इसके साथ ही ग्रह, नक्षत्र, और शुभ योगों के होने से दिवाली की शुभता और कई गुना अधिक बढ़ जाएगी|
दिवाली 2022 पर करें ये पाठ
अमावस्या तिथि का प्रदोष काल 24 अक्टूबर को पड़ेगा. इसलिए 24 अक्टूबर को लोग दीपावली मनाएंगे. इस दिन घर में भक्तों को श्री सूक्त, कनकधारा स्रोत और लक्ष्मी स्रोत का पाठ जरूर करना चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से घर में कभी धन दौलत कि कमी नहीं होती है. सुख–समृद्धि की वृद्धि होती है|
सूर्य ग्रहण 2022 का प्रभाव दिवाली पर
25 अक्टूबर को लगने वाले आखिरी सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले लग रहा है. हालांकि ग्रहण काल में कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. लेकिन इस सूर्य ग्रहण का दिवाली पर कोई प्रभाव नहीं पडेगा. जानकारी के लिए बता दें कि 27 वर्ष पहले 1995 को दिवाली के दिन सूर्य ग्रहण का संयोग बना था|
सूर्य ग्रहण पर क्या न करें
सूर्य ग्रहण पर सूतक लगने के बाद कुछ भी खाना, पीना, पढ़ना, पढ़ाना, सोना आदि वर्जित है। घर के मंदिर का पट न खोलें। पका भोजन रखा हो तो उसे ग्रहण के बाद ना खाएं। विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को ध्यान रखना होता है कि उन्हें न तो सोना चाहिए न ही किसी वस्तु को काटना या सिलना चाहिए।
इनका रखें ध्यान

  • जब ग्रहण शुरू हो रहा हों तो समय से पहले ही स्नान करके साधना करनी चाहिए।
  • मोक्ष के उपरांत स्नान करके दान करना चाहिए।
  • सूर्यग्रहण काल में भगवान सूर्य की उपासना श्रेयस्कर मानी गई है।
  • पका हुआ अन्न, कटी हुई सब्जी ग्रहणकाल में दूषित हो जाती हैं, उन्हें नहीं रखना चाहिए।
  • तेल, घी, दूध, पनीर, आचार, चटनी व मुरब्बा सहित अन्य खाद्य पदार्थ में तुलसी की पत्ती डालनी चाहिए।
  • सूतक एवं ग्रहणकाल में मूर्ति स्पर्श नहीं करना चाहिए।
  • बुजुर्ग, रोगी, बालक एवं गर्भवती को जरूरी हो तो दवा देनी चाहिए। गर्भवती अपने घर को गेरू से गोठ सकती हैं। कुछ लाेग गर्भवती के पेट को भी गेरू से गोठते हैं।