फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) शिकायत कर्ता के साथ मारपीट करनें के 20 साल पुरानें केस में तत्कालीन सीओ अब डीआईजी सहित आधा दर्जन नें न्यायालय में आत्मसमर्पण किया है| कोर्ट ने उन्हें बाद में अंतिम जमानत दे दी|
कोतवाली फतेहगढ़ के मोहल्ला शीशम बाग निवासी अजय कुमार पुत्र मान सिंह नें 1 जून 2001 को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में परिवाद दर्ज कराया| जिसमे कहा कि तत्कालीन सीओ सिटी डीपी एम पाण्डेय, एसआई इमरान खान तत्कालीन चौकी इंचार्ज कर्नलगंज, सिपाही कमल किशोर, सिपाही जेडी चालक सीओ, सिपाही बलराम, सिपाही रामवीर व सिपाही द्र्गपाल व 3 अज्ञात सिपाहियों ने उसको सीओ कार्यालय में पकड़ कर जमकर मारपीट की जाति सूचक गालियाँ दी| अजय कुमार ने अपने पड़ोस की एक महिला पर मुकदमा दर्ज कराया था जिसे वापस लेनें का दबाब बनाया| उसके पास से गिरे 2200 रूपये भी रख लिये| सीओ के इशारे पर उसे मारपीट कर जीप में डालकर कोतवाली फतेहगढ़ में लाकर महिला से छेड़छाड का एक मुकदमा दर्ज कर दिया| इसके साथ ही वादी अजय के कई और आरोप थे| लिहाजा कोर्ट नें परिवाद पर संज्ञान लेकर कोर्ट ने 25 मई 2002 को सभी आरोपियों के खिलाफ सम्मन जारी किये| तकरीबन 20 साल से चल रहे मामले में तत्कालीन सीओ व वर्तमान में अपराध शाखा लखनऊ में डीआईजी डीपीएम पाण्डेय, तत्कालीन कर्नलगंज चौकी इंचार्ज व वर्तमान में इंस्पेटर इमरान खान हाल तैनाती पुलिस लाइन ललितपुर, प्रधान आरक्षी जेडी सिंह उर्फ जमादार यादव हाल तैनाती थाना महाराजपुर चालक कानपुर नगर, हेड कांस्टेबल कमल किशोर हाल तैनाती हाथरस, रामवीर सिंह हाल तैंनाती पुलिस लाइन सहारनपुर, हेड कांस्टेबल द्र्गपाल सेवा निवृत नें कोर्ट में आत्मसमर्पण किया|कोर्ट ने सभी को न्यायिक अभिरक्षा में ले लिया| न्यायालय में उन्हें बाद में उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया| एक आरोपी सिपाही बलराम सिंह की बीते 9 सितम्बर 2018 को मौत हो चुकी है|