फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) वेद पुराण उपनिषदों व जन जन की भाषा रही देव भाषा संस्कृत वर्तमान में उपेक्षा का दंश झेल रही है। पठन पाठन के सरकारी इच्छाशक्ति के अभाव में घटते संसाधन से नगर का एक मात्र संस्कृत विद्यालय अपना अस्तित्व बिहीन हो रहा है| हमेशा हिंदुत्व की बात करने वाली बीजेपी की सरकार का पूरा कार्यकाल गुजर जाने के बाद भी संस्कृत विद्यालय को नवीनीकरण का मंत्र नही मिल सका|
भारतीय संस्कृति के संरक्षणार्थ व जन जन की भाषा देव भाषा संस्कृत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नगर के रेलवे रोड़ चौक चौराहे के निकट शालिगराम जगन्नाथ सनातन धर्म आदर्श संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना 1 मई 1916 को की गयी थी| जिसकी देखरेख सावित्री पाठशाला (ट्रस्ट) के जिम्मे थी| महाविद्यालय को वाराणसी के सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्व विद्यालय से सम्बद्द है | विद्यालय की स्थापना सावित्री देवी मिश्रा के द्वारा करायी गयी थी| जिसके अध्यक्ष जिलाधिकारी व सचिव तहसीलदार है| संस्कृत विद्यालय में नव्य व्याकरण से साहित्य विषयों में आचार्य की डिग्री तक शिक्षा दी जाती है| लेकिन विकास की सूची में नगर का यह संस्कृत विद्यालय अंकित नही हो पाया| ना ही हमारे जनप्रतिनिधि नें एक बार इसकी तरफ नजर उठाकर देखा भी| इसकी दुर्दशा का जिम्मा कौन लेगा ?