फर्रुखाबाद:(दीपक शुक्ला) कहाँ राजा भोज..कहाँ गंगू तेली की कहावत जिस जगह से सम्बधित है वह है भोजपुर विधान सभा है| इस कहावत में आज भी भोजपुर को चर्चा में रखा है| आपको बताते चले की राजनैतिक द्रष्टि से भोजपुर विधान सभा का जन्म 1957 में हुआ| तब से इस सीट पर चुनाव लड़ने और जीत का सेहरा पहनने का मौका मतदाताओं नें हर दल को दिय| 1957 से लेकर अब तक कुल 16 बार विधायक चुने गये है|
1957 में अस्तित्व में आनें के बाद कांग्रेस की टिकट पर अवधेश चन्द्र सिंह पहली बार विधायक बनकर भोजपुर से विधान सभा पंहुचे| 1962 में महरम सिंह कांग्रेस से विधायक बने| 1967 में कांग्रेस मात खा गयी जिसके बाद भारतीय जनसंघ से केबी सिंह चुनाव में जीते, 1969 में कांग्रेस नें फिर इस सीट पर कब्जा किया और कांग्रेस के अब्दुल आलम शाह नें भारतीय जनसंघ बाबू राम को पटखनी देकर इस सीट पर कब्जा का कर लिया| 1974 में हुए विधान सभा चुनाव में भारतीय जनसंघ के ओम प्रकाश वर्मा को कांग्रेस के अनवार जमील उर्फ जिम्मी मियां ने चुनाव हरा कर कब्जा कर लिया| 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के अनवार अहमद चुनाव में विजय हुए, 1980 में भारतीय जनता पार्टी के बलवीर सिंह चुनाव जीते, 1985 में कांग्रेस के महरम सिंह फिर से विधायक बने| 1989 में जनता पार्टी के अनवार खां नें जीत हासिल की| 1991 व 1993 में हुए विधान सभा चुनाव में लगातार दो बार उर्मिला राजपूत को बीजेपी से विधायक चुना| 1996 व 2002 में भोजपुर में साइकिल चली और जमालुद्दीन सिद्दीकी विधायक बने| 2007 के विधान सभा चुनाव में मतदाताओं नें साइकिल की हवा निकाली और बसपा से ताहिर हुसैन सिद्दीकी विधायक बने|
2012 के विधान सभा चुनाव में सपा की साइकिल फिर दौड़ी और जमालुद्दीन सिद्दीकी फिर भोजपुर से विधायक बने| 2017 के चुनाव में भोजपुर में भारी मात्रा में कमल खिला और भाजपा से नागेन्द्र सिंह राठौर विधायक बने| लेकिन आज तक एक भी मंत्री इस विधान सभा को नही मिला|
यह है अनुमानित जातीय आंकड़े
लोधी- 70 हजार, क्षत्रिय- 65 हजार, मुस्लिम- 60 हजार, अनुसूचित जाति- 30 हजार, ब्राह्मण- 25 हजार, 45 हजार यादव, अन्य- 40 हजार|
विधान सभा के मतदाता
विधान सभा में कुल मतदाता- 3,06,477 है| जिसमे से पुरुष- 1,67,102 है और महिला- 1,39,361 है| वहीं भोजपुर – 34 सेक्टर और 3 जोंन में बांटा गया है| 372 मतदेय और 256 मतदान केंद्र बनाये गये है|