नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग निर्वाचन आयोग ने शनिवार को पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा की। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने बताया कि उत्तराखंड, पंजाब, गोवा में एक चरण में जबकि मणिपुर में दो और उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदात होगा। मतदान की शुरुआत उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से होगी। सभी राज्यों के एक साथ 10 मार्च को मतगणना की जाएगी। चुनावों के दौरान सख्त प्रोटोकाल का पालन कराया जाएगा। जीत के बाद विजय जुलूस की इजाजत नहीं होगी।
15 जनवरी तक रोड शो, रैली, जुलूस की इजाजत नहीं
कोरोना की चुनौतियों पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा- यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर भी चिराग जलता है। राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को हमारी सलाह है कि वे अपने चुनाव प्रचार कार्यक्रमों को डिजिटल मोड में ही चलाएं। 15 जनवरी तक कोई भी रोड शो, बाइक रैली, जुलूस या पद यात्रा की इजाजत नहीं होगी। यही नहीं 15 जनवरी तक कोई फीजिकल रैली भी नहीं आयोजित की जाएगी। बाद में डीटेल गाइडलाइंस जारी की जाएंगी।राजनीतिक दलों के लिए दिशा-निर्देश
सीईसी सुशील चंद्र ने कहा कि राजनीतिक दलों के सभी चुनावी कार्यक्रमों की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। पार्टियों को अपने उम्मीदवारों की आपराधिक रिकार्ड की घोषणा अनिवार्य रूप से करनी होगी। यूपी, पंजाब और उत्तराखंड में हर उम्मीदवार 40 लाख रुपए ही खर्च कर पाएगा। वहीं मणिपुर और गोवा में उम्मीदवार के लिए चुनावी खर्च सीमा 28 लाख रुपए तक ही सीमित रहेगी
900 पर्यवेक्षक रखेंगे नजर, संवेदनशील बूथों की वीडियोग्राफी
सीईसी सुशील चंद्र ने कहा कि धन बल और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग को लेकर हर बार की तरह इस बार भी जीरो टालरेंस की नीति रहेगी। इस बार कुल 900 पर्यवेक्षक चुनाव प्रक्रिया पर नजर रखेंगे। यदि जरूरी हुआ तो स्पेशल आब्जर्वर भी तैनात होंगे। संवेदनशील बूथों पर पूरे दिन वीडियोग्राफी कराई जाएगी। पांचों राज्यों में एक लाख से ज्यादा पोलिंग स्टेशनों का लाइव वेबकास्ट किया जाएगा।
अधिकतम मतदाताओं की संख्या 1500 से 1250 निर्धारित
सीईसी सुशील चंद्र ने कहा कि इस बार आयोग पर्याप्त संख्या में वीवीपैट की व्यवस्था करेगा। उम्मीदवारों को आनलाइन नामांकन का भी विकल्प मिलेगा। पोलिंग स्टेशन पर अधिकतम मतदाताओं की संख्या 1500 से 1250 निर्धारित की गई है। दिव्यांगों और 80 साल से ज्यादा उम्र वाले वरिष्ठ नागरिकों के साथ कोविड संक्रमितों को घर से मतदात करने की सुविधा मिलेगी।
16 फीसद पोलिंग बूथ बढ़ाए गए
सीईसी सुशील चंद्र ने कहा कि इस बार 16 फीसद पोलिंग बूथ बढ़ाए गए हैं। 2.15 लाख से ज्यादा पोलिंग स्टेशन बने हैं। चुनाव कोविड प्रोटोकाल के साथ कराए जाएंगे। पोलिंग बूथ पर कोरोना से बचाव के लिए मास्क, सेनिटाइजर आदि उपलब्ध कराए जाएंगे। थर्मल स्कैनिंग की भी व्यवस्था की गई है।
18.34 करोड़ मतदाता इस चुनाव में हिस्सा लेंगे
सीईसी सुशील चंद्र ने कहा कि सर्विस मतदाता को मिलाकर 18.34 करोड़ मतदाता इस चुनाव में हिस्सा लेंगे जिनमें से 8.55 करोड़ महिला मतदाता हैं। 24.9 लाख वोटर पहली बार वोट डालेंगे। हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक पोलिंग स्टेशन ऐसा होगा जिसका संचालन पूरी तरह से महिलाओं के हाथ में होगा। यहां तक की इस पोलिंग स्टेशन पर सुरक्षाकर्मी भी महिलाएं ही होंगी।
तीन लक्ष्यों पर काम
सीईसी सुशील चंद्र ने कहा कि इस बार आयोग ने तीन लक्ष्यों पर काम किया है। ये टारगेट हैं आसान और कोविड सेफ चुनाव के साथ साथ मतदाताओं की ज्यादा से ज्यादा से ज्यादा भागीदारी। कोरोना काल में पांच राज्यों की 690 विधानसभा क्षेत्रों कोविड सेफ चुनाव कराना बेहद चुनौती भरा काम है। इन चुनावों में 18 करोड़ से ज्यादा वोटर हिस्सा लेंगे
कोरोना लहर के बीच चुनाव कराना बड़ी चुनौती
गौर करने वाली बात है कि मौजूदा वक्त में कोरोना की तीसरी लहर चल रही है। ऐसे में उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में विधानसभा चुनाव कराना किसी चुनौती से कम नहीं हैं। बार काउंसिल आफ इंडिया इस बारे में निर्वाचन आयोग को पत्र भी लिख चुका है। मालूम हो कि जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है वहां पर केवल पंजाब में कांग्रेस की जबकि अन्य जगहों पर भाजपा की ही सरकारें हैं।