लखनऊ: उत्तर प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा 2021 का रविवार को पेपर इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने के मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ की कार्रवाई जारी है। परीक्षा निरस्त करने और मामले की जांच उत्तर प्रदेश एसटीएफ को सौंपने के बाद सरकार ने एक और बड़ा एक्शन लिया है|
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता (टीईटी) परीक्षा-2021 का पेपर वायरल होने के मामले में योगी आदित्यनाथ सरकार ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय उपाध्याय को निलंबित कर दिया है। संजय उपाध्याय पर ही इस परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी थी। सरकार ने पेपर लीक होने के मामले को उनकी बड़ी चूक माना है। निलंबन की अवधि में संजय उपाध्याय को लखनऊ में उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा निदेशक के कार्यालय से सम्बद्ध किया है। उत्तर प्रदेश शासन में बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव आरवी सिंह ने बताया कि संजय उपाध्याय के स्थान पर अभी किसी की तैनाती नहीं हुई है। शीघ्र ही किसी की तैनाती की जाएगी।उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा का पेपर इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने की गाज सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी संजय कुमार उपाध्याय पर गिरी है। 28 नवम्बर को इसका पेपर लीक होने के बाद से ही एक्शन में आए सीएम योगी आदित्यनाथ ने जिम्मेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। सचिव परीक्षा नियामक संजय उपाध्याय को शुचितापूर्ण, नकलविहीन और शांतिपूर्ण ढंग से यूपी-टीईटी न किराने का प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है। यूपी टीईटी मामले में शासन को अभी जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। महत्वपूर्ण परीक्षा की व्यवस्था संभाल न पाने और प्रथम दृष्टया गोपनीयता न बरतने पर कार्रवाई की गई है।अब सरकार का लक्ष्य 28 दिसंबर से पहले परीक्षा कराने का है। माना जा रहा है कि सरकार 26 दिसंबर को परीक्षा का आयोजन कराएगी। प्रदेश में बीते रविवार को दो पालियों में प्रस्तावित यूपी-टीईटी का पेपर लीक होने के कारण परीक्षा निरस्त करनी पड़ी थी। इससे सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। परीक्षा में 21 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को शामिल होना था। प्रथम पाली में दस से साढ़े बारह बजे तक प्रदेश भर में 2554 केंद्रों पर प्राथमिक स्तर की परीक्षा का आयोजन किया जाना था और द्वितीय पाली में 2:30 से पांच बजे तक 1754 केंद्रों पर उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा का आयोजन होना था। टीईटी प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए 13.52 लाख और टीईटी उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा के लिए 8.93 लाख अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। सरकार अब इनकी परीक्षा फिर से कराने की योजना बना रही है। इसके लिए किसी भी अभ्यर्थी को दोबारा कोई भी शुल्क नहीं देना होगा।