फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) देवोत्थान एकादशी का पर्व रविवार को मनाया गया। इसके लिए तैयारियां जोरों पर रहीं। बाजारों में गन्ने, शकरकंद व सिंघाड़े की खूब बिक्री हो रही है। आज से मांगलिक कार्यक्रम भी शुरू हो जाएंगे। इसके लिए बाजारों में खरीदारी करने के लिए ग्राहकों की भीड़ उमड़ने लगी है।
ऐसी मान्यता है कि योग निद्रा में जाने वाले भगवान विष्णु चार माह बाद देवोत्थान एकादशी पर जागते हैं। इस दिन पूजा-अर्चना कर देवों को जगाने की परंपरा का निर्वहन किया जाता है। देवों के जागने पर ही वैवाहिक व शुभ कार्य भी प्रारंभ हो जाते हैं। देवोत्थान एकादशी का पर्व रविवार को मनाया गया। इसे लेकर सुबह से ही बाजारों में जगह-जगह कपड़े, ज्वेलरी, सौंदर्य प्रसाधन सामग्री की जमकर खरीदारी की गई। विक्रेताओं ने इसके लिए नेहरु रोड़, आवास विकास, भोलेपुर, फतेहगढ़ मुख्य बाजार में सामान दुकानों पर सजा रखे थे। इसके साथ ही गन्ने, शकरकंद आदि की खूब बिक्री हुई|
देवोत्थान एकादशी को व्रत रखकर हुआ पूजन
देवोत्थान एकादशी को लेकर घरों में पूजा-अर्चना की गयी। श्रद्धालुओं द्वारा व्रत रखा। इसके लिए शुभ मुहूर्त जानने के लिए सुबह से ही धर्माचार्यों के यहां जानकारी के लिए पहुंचने लगे थे। इस दिन भगवान विष्णू व माता लक्ष्मी की पूजा विधि-विधान के साथ होगी। इस दिन शकरकंद, सिघाड़ा व गन्ना दान करने व खाने का विधान है।