फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) पुलिस कर्मियों द्वारा युवक का अपहरण कर उससे फिरौती मांगने के मामले में विगत दिनों सर्विलांस दीवान सहित तीन पुलिस कर्मियों को निलंबित कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था | बीते दिन जेएनआई नें इस सम्बन्ध में आवास विकास चौकी की संलिप्तता होनें की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी| जिस पर बीती रात आवास विकास चौकी इंचार्ज व दो चर्चित पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया|
आपको बताते चले की शहर कोतवाली में तैनात सिपाही जीतू यादव और रामनरेश कभी बर्दी नही पहनने थे| अधिकारियों की विशेष कृपा से वह कोतवाली क्षेत्र के बाहर की भी पंचायतों में अपनी टांग एसओजी बनकर फंसाते थे और अपनी जेबें भी गर्म करते थे| लिहाजा उनकी यह हरकतें जग जाहिर थी| वसूली के लिए आवास विकास चौकी अड्डा बन गयी थी| दरअसल पुलिस कर्मियों की काली करतूत का पता तब चला जब नूर नगर निवासी रंजीत सिंह पुत्र श्याम पाल मेरापुर थाने के दो सिपाही एसओजी बनकर पंहुचे और उसका अपहरण कर लिया| उसको लाकर आवास विकास चौकी में रखा गया| बाद में अमृतपुर विधायक सुशील शाक्य के हस्तक्षेप के बाद युवक को छुड़ाया गया| जिसके बाद आईजी मोहित अग्रवाल के कड़े रुख के बाद सर्विलांस सेल के दीवान सतेन्द्र यादव, रंजित सिंह और रिंकू यादव को निलंबित कर दिया गया था| लेकिन आवास विकास चौकी पर विशेष कृपा बनी थी| बीते 14 अक्टूबर को जेएनआई नें प्रमुखता से यह खबर प्रकाशित की| आखिर जेएनआई की खबर के बाद आवास विकास चौकी इंचार्ज विशेष कुमार, शहर कोतवाली के मुख्य आरक्षी जीतू यादव, आरक्षी रामनरेश को पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा नें लाइन हाजिर का दिया|
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