फर्रुखाबाद:(दीपक-शुक्ला) इस साल हुई आखिरी बारिश ने आलू की अगेती फसल लेने के किसानों के अरमान बहा दिए हैं। बारिश से फसल प्रभावित होने से किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया। अब यह पिछेती (पक्की फसल) की तैयारी कर रहे हैं।
फर्रुखाबाद आलू उत्पादन में अपनी एक अलग पहचान रखता है| यूपी से सर्वाधिक आलू यही से पैदा किया जाता है| फर्रुखाबाद जनपद में लगभग 42 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में आलू का उत्पादन होता है| जिसमे से अगेती फसल 12 से 15 प्रतिशत भूमि पर की जाती है| जनपद में प्रतिवर्ष सामन्य रूप से 12 से 13 लाख मैट्रिक टन आलू का उत्पादन होता है| अगेती फसल की 25 अगस्त से 15 सितंबर तक बुवाई कर ली जाती है। दो माह में खुदाई कर किसान बिक्री कर देते हैं। इसके बाद पिछेती फसल कर कोल्ड स्टोरेज में आलू भंडारित कर लिया जाता है। इस बार सितंबर में हुई तेज बारिश से अगेती फसल का समय निकल गया। कुछ किसानों ने बुवाई की थी। बारिश और तेज धूप से आलू बीज सड़ गया। किसानों का कहना है कि आलू की अगेती फसल में सालभर की कमाई निकल आती है। इस बार बारिश के चलते अगेती फसल न होने से अरमान बह गए। अब पिछेती फसल पर उम्मीदें टिकी हैं। खेतों की जुताई कर किसान कोल्ड स्टोरेज से आलू निकासी कर रहे हैं। अमृतपुर के परतापुर निवासी आलू उत्पादन करनें वाले किसान विनय कुमार, संजीत, धीरेंद्र व अशोक आदि ने बताया कि खेत में अभी तक एक बार ही जुताई नहीं हो सकी है,. इसलिए आलू की अगेती फसल नहीं कर सके|
मौसम के मिजाज से धड़कनें तेज, डंप है बीज
तेज धूप और बादलों का उमड़ना जारी है। इससे किसान साफ मौसम का इंतजार कर रहे हैं। अगर इस सप्ताह बारिश हो गई तो पिछेती फसल का भी खेल बिगड़ जाएगा।
जिला आलू विकास अधिकारी आरएन वर्मा नें जेएनआई को बताया कि इस बार बारिश के चलते जनपद में अगेती फसल आलू की नही हो पायी| अक्टूबर से किसान पिछेती फसल की तयारी करते है|