लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल के विस्तार को भारतीय जनता पार्टी हाई कमान ने हरी झंडी दे दी है। मंत्रिमंडल विस्तार सितंबर के पहले सप्ताह में होगा। माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर इस बार मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय तथा क्षेत्र के गणित का ध्यान रखेगी। यह तय है कि सात से आठ मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है जबकि किसी भी मंत्री की छुट्टी नहीं होगी।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर उलटी गिनती के बीच में सितंबर के पहले सप्ताह में प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार होगा। पार्टी के हाई कमान की हरी झंडी मिलने के साथ सात या आठ मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। इनमें सहयोगी दल के कुछ विधायकों को भी मंत्री बनाया जाएगा। मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय समीकरण शीर्ष पर हैं। ब्राह्मण, निषाद तथा गुर्जर समाज के साथ गोंड, जाट व पटेल समाज का भी ध्यान रखा जाएगा। इस बार योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस से भाजपा में आने वाले जितिन प्रसाद के साथ निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद भी मंत्री बन सकते हैं। इनके साथ ही मेरठ से सोमेन्द्र, फतेहपुर से कृष्णा पासवान, गाजियाबाद के दादरी से तेजपाल गुर्जर, निषाद पार्टी से संजय निषाद, रामचंद्र विश्वकर्मा, मंजू सिवाच और अपना दल से आशीष पटेल को मंत्री बनाया जा सकता है। संगीता बलवंत बिंद, एमपी सेंथवार, संजय गोंड, राहुल कौल तथा सहेन्द्र रमाला को भी प्रदेश सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है।
दूसरी बार मंत्रिमंडल का विस्तार
प्रदेश सरकार के 19 मार्च 2017 को गठन के बाद योगी आदित्यनाथ सरकार का 22 अगस्त 2019 को मंत्रिमंडल विस्तार किया गया था। उस दौरान मंत्रिमंडल में 56 सदस्य थे। कोरोना संक्रमण से तीन मंत्रियों का निधन हो चुका है। पहले मंत्रिमंडल विस्तार में छह स्वतंत्र प्रभार मंत्रियों को कैबिनेट की शपथ दिलाई गई थी, इसमें तीन नए चेहरे भी थे। योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल में सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर 23 कैबिनेट मंत्री, 9 स्वतंत्र प्रभार मंत्री और 22 राज्यमंत्री हैं। कुल मंत्रियों की संख्या 54 है। मंत्री के कुल छह पद अभी भी खाली हैं।