फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) जिलाधिकारी नें शुकवार को उपजिलाधिकारी के तबादलों में फेर बदल कर दिया| जिससे प्रशासनिक महकमें में खलबली मच गयी है|
दरअसल काफी दिनों से लगातार विवादित चल रहे एसडीएम अमृतपुर नरेंद्र कुमार पर कई बार गंभीर आरोप लग चुके है| विगत दिनों 20 अगस्त को अमृतपुर के गांव अमैयापुर निवासी अधिवक्ता धर्मेंद्र कुमार ने अमृतपुर तहसील के एसडीएम नरेंद्र सिंह व कोर्ट के पेशकार शिशुपाल के खिलाफ परिवाद दर्ज कराया है। इसमें कहा गया कि 11 अगस्त 2021 को उन्होंने शांतिभंग के मुकदमे के आरोपी सुभाष निवासी कोटियापुर की जमानत अर्जी एसडीएम कोर्ट में पेश की थी। पेशकार ने उससे कहा कि साहब ने कहा कि बीस हजार रुपये ले लो, जमानत स्वीकृत कर दी जाएगी। आरोपी के परिजन रुपये देने में असमर्थ थे, यह बात कहने के बावजूद जमानत नहीं दी गई।
राजेपुर थाना क्षेत्र के गांव राजेपुर रठौरी निवासी मालादेवी ने विशेष अदालत एंटी डकैती में दी गई अर्जी में कहा कि वर्ष 2018 में राजेश पाल से जमीन खरीदकर एक कमरा और बाउंड्रीवाल बनवाकर टिन शेड डाल लिया था। उसे घर में परिवार के साथ रहती थी। 20 अगस्त 2021 को 12 बजे राजेपुर थाने के सिपाही माला, उसके पति मिर्चीलाल, पुत्र बलराम, अच्छे और चंदू को पकड़ कर थाने ले गए। शांतिभंग में चालान कर सभी को एसडीएम कोर्ट भेज दिया गया। महिला के अनुसार वह लोग जब एसडीएम कोर्ट में थे, इसी बीच उसके घर से खाद्य सामग्री, जेवर, बर्तन, 35 हजार रुपये समेत करीब आठ लाख का माल लूट लिया। जिसमे महिला के अधिवक्ता दीपक द्विवेदी की ओर से कोर्ट में अर्जी दी थी | जिसमे एसडीएम अमृतपुर नरेंद्र सिंह, पेशकार शिशुपाल, तहसीलदार अमृतपुर संतोष कुमार कुशवाहा, एसओ राजेपुर देवेश कुमार, राजेपुर रठौरी के ग्राम प्रधान प्रदीप, मीरा, राघवेंद्र, सुरेंद्र पाल, शाहजहांपुर जिले के थाना अल्लाहगंज के गांव भुड़िया रघुनाथपुर निवासी हरनाम सिंह, लोक निर्माण विभाग और 10 कर्मचारी पर लूट व घर में तोड़ने का आरोप जड़ा था| फिलहाल विवादों में घीरे एसडीएम नरेंद्र कुमार को अपर उपजिलाधिकारी सदर बनाया गया है| वहीं विजेंद्र कुमार की पुन: एसडीएम अमृतपुर के पद अपर तैनाती दी है|