लखनऊ:उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार बुधवार दोपहर 12:30 बजे विधानमंडल के समक्ष चालू वित्तीय वर्ष का पहला अनुपूरक बजट पेश करेगी। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार अनुपूरक बजट के जरिये मुख्यमंत्री की घोषणाओं और अगले छह माह में पूरी की जा सकने वाली परियोजनाओं को अमली जामा पहनाने की कोशिश करेगी। अनुपूरक बजट का आकार 10 हजार करोड़ के आसपास हो सकता है। इस पर अंतिम फैसला कैबिनेट की बैठक में हो सकता है।यूपी सरकार के अनुपूरक बजट में चुनावी साल में विभिन्न वर्गों को साधने का भी प्रयास होगा। पिछले महीने सरकार ने आयुष्मान योजना से छूटे 40 लाख अंत्योदय कार्डधारक परिवारों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य कवर देने का फैसला किया है। अनुपूरक बजट में सरकार इसके लिए रकम का इंतजाम कर सकती है। प्रदेश के 7.5 लाख मानदेय कार्मिकों के मानदेय में एक निश्चित धनराशि का इजाफा कर सकती है। मानदेय में 1000 रुपये तक वृद्धि हो सकती है।
भाजपा के संकल्प पत्र के वादे को पूरा करने के लिए अधिवक्ता कल्याण निधि को बढ़ा सकती है। संकल्प पत्र में अधिवक्ता कल्याण निधि के तहत दी जाने वाली धनराशि को डेढ़ लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का एलान किया गया था। कोरोना महामारी से अनाथ हुए बच्चों और निराश्रित महिलाओं की देखभाल के लिए भी रकम का इंतजाम हो सकता है। अयोध्या, काशी और गोरखपुर से जुड़ी परियोजनाओं के लिए सरकार दरियादिली दिखा सकती है।
राजधानी लखनऊ में प्रस्तावित डा. भीमराव आंबेडकर स्मारक व संग्रहालय और राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल के अलावा सरकार एक्सप्रेसवे परियोजनाओं और सड़कों के निर्माण कार्य को रफ्तार देने के लिए भी अनुपूरक बजट के जरिये संसाधन जुटा सकती है। सरकार को 16 लाख राज्य कर्मचारियों को 28 फीसद की दर से महंगाई भत्ता (डीए) देना है। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका बनी हुई है। केंद्रीय योजनाओं में केंद्र से मिलने वाली हिस्सेदारी में भी कुछ कटौती हुई है। ऐसे में अनुपूरक बजट का आकार बहुत ज्यादा होने की संभावना नहीं है।