फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) सावन महीने की नाग पंचमी पर शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं ने नाग देवता व शिव की पूजा कर सुख-समृद्धि व दोष मुक्त की कामना की। कालसर्प दोष का निवारण के लिए मंदिरों में चांदी से बने नाग-नागिन अर्पित किए गए। वहीं, कई जगहों पर जरूरतमंदों को दान कर पुण्य कमाया।
पूजा-पाठ के लिहाज से सावन महीना उत्तम माना जाता है। इस माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन आने वाली नाग पंचमी का भी बड़ा महत्व है। धार्मिक जानकारों के मुताबिक 108 वर्ष के बाद इस बार योग उत्तरा और हस्त नक्षत्र का महासंयोग बनने से इस दिन की जाने वाली पूजा का महत्व कई गुना ज्यादा है।
शुक्रवार को शहर के महाकाल मन्दिर, पंदेश्वर नाथ मन्दिर आदि शहर के विभिन्न शिव मंदिरों में नाग देवता को दूध अर्पित कर आराधना की। सुबह से ही श्रद्धालु मंदिर में पहुंचे और विधि विधान के साथ पूजा की। वहीं घरों में भी नाग देवता के चित्र पर जल, फूल, फल अर्पित करने व चंदन लगाने के बाद आरती की। इसके बाद लड्डू व खीर का भोग लगाया। कईयों ने काल सर्पदोष निवारण के लिए पंडितों से विशेष पूजा करवाई। आचार्य पंडित सर्वेश कुमार शुक्ल के मुताबिक नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से राहु-केतु का प्रभाव भी कम होता है।