पुलिस को चकमा दे ठेकदार समीम हत्याकांड में जेल गये डॉ० अनुपम दुबे

CRIME FARRUKHABAD NEWS POLICE

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) जीआरपी डॉ० अनुपम दुबे को तलाश करती रही और उन्होंने ठेकेदार नसीम हत्याकांड में कोर्ट में आत्मसमर्पण किया| कोर्ट नें उन्हें 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया|
विदित है कि बीते 26 जुलाई 1995 में समधन गुरसहायगंज निवासी मो० नसीम पुत्र हनीफ नें कोतवाली फतेहगढ़ में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था| आरोप था कि उसके भाई समीम (ठेकेदार) की  कोतवाली फतेहगढ़ के बजरिया अलीगंज में गोली मारकर हत्या कर दी गयी| पुलिस नें अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया|
पुलिस नें विवेचना समाप्त कर 14 जुलाई 1999 को कोर्ट में चार्ज सीट दाखिल की| जिसमे डॉ० अनुपम दुबे पुत्र महेश दुबे निवासी मोहल्ला कसरटटा फतेहगढ़, कौशल किशोर व लक्ष्मी नारायण पुत्र राजाराम दुबे निवासी सहसापुर मोहम्मदाबाद व शिशु उर्फ बाल किशन निवासी मानिकपुर बिसु इकदिल इटावा के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया|
इस मामले में कोर्ट से अनुपम दुबे ने स्टे ले लिया| जो 21 अगस्त 2015 को ख़ारिज हो गया| इसके बाद 27 जुलाई 2018 को इस स्टे की याचिका भी खारिज हो गयी| इसके बाद डॉ०अनुपम नें इस मामले में कोर्ट में समर्पण नही किया था| जब जीआरपी आगरा द्वारा उनके घर पर कुर्की और गिरफ्तारी का ताना बाना बुना तो अनुपम दुबे नें समीम (ठेकेदार) की हत्या के मामले में कोर्ट में सरेंडर कर दिया| सीजेएम ने उन्हें समीम हत्याकांड में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया| लेकिन आगरा से जीआरपी उन्हें दारोगा की हत्या के मामले में गिरफ्तार नही कर पायी|