लखनऊ: स्कूल बसों के नाम पर अभिभावकों से की जा रही मनमानी वसूली पर जल्द ब्रेक लग सकता है। संचालकों की मनमानी रोकने के लिए विभाग प्रति सीट प्रति विद्यार्थी सीटवार फीस तय करने की तैयारी में है। इसके लिए बाकायदा जमीनी स्तर पर कवायद चल रही है। इस संबंध में संभागीय परिवहन अधिकारियों से स्कूली बसों पर आने वाले खर्च, बसों के डीजल, मरम्मत, बीमा, स्टॉफ का वेतन, फिटनेस आदि अन्य अनुरक्षण खर्च का ब्योरा निकालकर बच्चों की सीटवार धनराशि तय कर भेजने को कहा है।
1940 से अधिक नहीं होगी सीट की दर: राजधानी लखनऊ समेत करीब आधा दर्जन संभागीय परिवहन अधिकारियों ने इस मसले पर आने वाले अनुरक्षण खर्च का ब्योरा निकालकर मुख्यालय भेज दिया है। अलग-अलग संभागों के आरटीओ द्वारा भेजे गए ब्योरे में दूरी और खर्च को देखते हुए तकरीबन दो हजार रुपये के अंदर ही धनराशि सीटवार रखे जाने की सलाह दी गई है। परिवहन अधिकारियों की मानें तो 1800 से अधिक और 1940 रुपये के बीच सीटवार धनराशि निर्धारित की जा सकती है। अधिकारियों ने बताया कि आगामी 14 जुलाई को परिवहन अधिकारी इसे प्रश्न एवं संदर्भ समिति के समक्ष रखेंगे। इसके बाद शिक्षा के अधिकार को लेकर बनाई गई समिति के समक्ष इसे स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने बताया कि राजधानी लखनऊ समेत संभागीय परिवहन अधिकारियों ने पूरा ब्यौरा बनाई गई अपर परिवहन आयुक्त, वित्त नियंत्रक समेत अन्य अधिकारियों की समिति को भेज दिया है। अधिकारी इसे देख रहे हैं। समिति के समक्ष इसे रखा जाएगा। वह जो निर्णय लेगी उसी के अनुसार ही कार्रवाई आगे बढ़ेगी।