फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) ग्रामीण इलाकों में लगे पंचायतीराज विभाग के सफाई कर्मचारी अफसरों के घरों या दफ्तरों में काम करने के बजाए गांव में अपने तैनाती स्थल पर मूल काम यानि सफाई करते नजर आने चाहिए थे| हाईकोर्ट में इस बाबत दायर याचिका के बाद प्रदेश के पंचायतीराज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने पंचायतीराज निदेशक व जिलाधिकारी को आदेश जारी किये थे| यह आदेश बीते 29 जुलाई 2020 को किये गये थे| लेकिन जनपद में पंचायतीराज विभाग पूरी तरह से मनमानी पर उतारु है| दर्जनों सफाई कर्मी अभी भी साहबों की सेवा में तैंनात है और गाँवों में गंदगी फैल रही है|
वर्तमान में लगभग आधा दर्जन सफाई कर्मी कार्यालयों में बैठ कर बाबूगिरी या साहब की चाटुकारिता कर रहें है| जबकि सभी व्लाकों में भी सफाई कर्मी तैंनात है| जिससे गांवों में सफाई कार्य प्रभावित होता है| सफाई कर्मचारी कार्यालय जिला पंचायत राज अधिकारी की सेवा में सेवार्थ है, इन सभी कर्मचारियों की उपस्थिति तैनाती ग्राम पंचायत से आती है ,यह सभी कार्य जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में काम करते हैं फर्जी उपस्थिति पर वेतन आहरण किया जाता है, जब भी पूछा जाता है तो कहते इनकी उपस्थिति गांव से आती है,जब उपस्थित गांव से आती है तो ये यहां क्या कर रहे हैं? फिर तो इनको गांव में होना चाहिए था| जिला पंचायत राज अधिकारी के कार्यालय में घोर भ्रष्टाचार व्याप्त है मौजूदा स्थिति को देखते हुए ऐसे दर्जनों कर्मचारी आलाधिकारियों के कार्यालयों में बैठे हुए हैं जिनकी उपस्थिति गांव से आ रही है|
करोना महामारी के चलते हुए गांव में साफ सफाई अभियान विशेष रूप से चलाया जा रहा है फिर भी यह कर्मचारी छुप कर बैठे हुए हैं| उच्च न्यायालय, विशेष सचिव,अपर मुख्य सचिव, जिलाधिकारी द्वारा कई बार आदेशित किया गया मगर जिला पंचायत राज अधिकारी सारे आदेशों को धता बताकर इन कर्मचारियों को अपनी शरण दिए हुए हैं|
क्या बोले जिम्मेदार
जिला पंचायतीराज अधिकारी शिवशंकर सिंह नें जेएनआई को बताया कि उनके संज्ञान में कोई भी सफाई कर्मी ना ही उनके कार्यालय और ना ही व्लाक में तैंनात है| सफाई कर्मियों की उपस्थिति गाँव से आती है|