फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) भाग-दौड़ भरी जिन्दगी में एकाएक ब्रेक लगने पर संतुलन बनाना बहुत ही जरूरी हो जाता है। यह वक्त भी कुछ वैसा ही है। कोरोना को हराने के लिए जहां सरकार हरसंभव प्रयास करने में जुटी है वहीं हमारा भी दायित्व बनता है कि ऐसे में हम भी धैर्य व संयम के साथ उसका पूरा साथ दें।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० वंदना सिंह ने कहा कि वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना को मात देने के लिए जरूरी है कि हम हर तरह की सावधानी बरतते हुए पूरा का पूरा वक्त अपनों के साथ बिताए। अपने दिलो-दिमाग पर कोरोना के भय को कतई प्रभावी न होने दें। हर वक्त न तो कोरोना के बारे में परिवार वालों से बात करें और न उस बारे में सोचें ही, ऐसा करने से आप बेवजह मानसिक तनाव में आ सकते हैं।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और मानसिक स्वास्थ्य के नोडल अधिकारी डॉ० दलवीर सिंह का कहना है कि हम जिस विषय पर बहुत देर तक सोचते व मनन करते हैं वह हम पर हावी हो जाता है। ऐसे में उसका नफा-नुकसान नजर आने लगता है जो कि किसी के लिए भी खतरनाक हो सकता है। इस कोरोना काल में सभी चीजें ठहर सी गयी हैं। इसके लिए जरूरी है कि अपनी दिनचर्या में बदलाव लायें और यदि आवश्यक सेवाओं से नहीं जुड़ें हैं तो घर से बाहर निकलने से परहेज करें।
डॉ० सिंह ने कहा कि टीबी, अखबार और सोशल मीडिया में सिर्फ कोरोना के बारे में देखने-समझने और अपनों से सिर्फ उसी बारे में बात करने से बचें। ऐसा करने से आप मानसिक तनाव में आकर अपने साथ ही घर के अन्य सदस्यों को बीमार बना सकते हैं। इससे ध्यान हटाने के लिए आप मनोरंजन के साधनों पर अधिक से अधिक ध्यान देकर अपने को कोरोना से अलग रख सकते हैं |
कोरोना महामारी के नोडल अधिकारी डॉ० राजीव शाक्य ने कहा कि यदि आपको खाना बनाने का शौक है तो अपने शौक को जिदा रखिये। अगर अपने हाथों से कुछ नई डिश बनायें और अपनों के साथ शेयर करें। ऐसा करने से जहां अपनापन बढेगा वहीं आपको समय का भी पता नहीं चलेगा । इसके साथ ही यह भी ख्याल रखें कि हर काम में साफ-सफाई बरतने के साथ ही ऐसा ही डिश बनायें जो लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला हो, क्योंकि कोरोना की गिरफ्त में सबसे पहले वहीं आते हैं जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।