44 बूथों के माध्यम से 2470लोगों का किया गया टीकाकरण

FARRUKHABAD NEWS कोरोना जिला प्रशासन

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो)  वायरस कोविड – 19 की गिरफ्त में हर आयु वर्ग के लोग आ रहे हैं। बेहद खतरनाक ऐसे केस भी पता चल रहे हैं जिनका पूरा घर अस्पताल में है या फिर पति और पत्नी अस्पताल में और बच्चे की देखभाल करने वाला कोई नहीं है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वंदना सिंह का।
सीएमओ ने कहा कि माता पिता दोनो कोरोना पॉजीटिव हो तो ऐसे में बच्चे के संकमित होने का खतरा ज्यादा होता है। अगर अस्पताल में एडमिट होना पड़े तो पीछे से बच्चे की चिंता होना लाजमी है। ऐसे में अपने बच्चे की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए उसे किसी करीबी रिश्तेदार या दोस्त को यहां छोड़ आना चाहिए। साथ ही बच्चे को प्यार से समझाएं कि उसे कुछ दिनों तक आपसे अलग रहना होगा।
सीएमओ ने कहा कि बच्चे को उसी दोस्त और रिश्तेदार के पास छोड़ कर आए जहां पर आपका बच्चा अच्छे से रह सकता है। साथ ही इस बात का भी ध्यान दें कि उस जगह पर कोरोना का कोई केस न हो। बच्चे को वहां छोड़ने के बाद फोन या वीडियो कॉल कर बच्चे से बात करते रहें।
सीएमओ का कहना है कि अगर आपको कोरोना के ज्यादा लक्षण नहीं हैं तो ऐसे में आप घर पर आइसोलेट हो सकते हैं। आपको बस अपनी सेहत का ध्यान रखने के लिए समय- समय पर डॉक्टर से संपर्क करते रहना चाहिए। साथ ही पल्स आक्सोमीटर से अपनी आक्सीजन लेवल को नापते रहें और इमुनिटी लेवल बढ़ाने की दवायें भी समय पर लेते रहें |
सीएमओ के मुताबिक अगर आपके बच्चे की देखभाल के लिए कोई नहीं है तो ऐसे में आप उसका खुद भी ध्यान रख सकते हैं। मगर इसके लिए आप में कोरोना के लक्षण नामात्र होने चाहिए। हां, इस बात का ध्यान रखें कि कोरोना की शुरूआत में संक्रमण के फैलने का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए पहले के कुछ दिनों में बच्चे से दूरी बना कर रखें। इसके साथ ही बच्चे को हाथ लगाने की जगह उससे दूर से ही बात करें।
सीएमओ ने कहा कि किसी भी चीज को फैलने से रोकने के लिए साफ- सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए अपने बर्तनों को अलग रखें। साथ ही उसे धोने के लिए पानी को उबाल कर इस्तेमाल करें। बाथरूम को भी रोजाना साफ करें। पूरे घर को अच्छे से सैनिटाइज करवाएँ। साथ ही बच्चे को भी सैनिटाइज का सही से इस्तेमाल करना सिखायें। अपनी सभी चीजों को बच्चे से अलग ही रखें।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ० प्रभात वर्मा ने कहा गुरुवार को 44 बूथों के माध्यम से 1257लोगों को पहली तो 1213 लोगों को दूसरी डोज देकर प्रतिरक्षित किया गया|