बांदा: पंजाब के रूपनगर जेल से बीते बुधवार को बांदा जिला जेल में शिफ्ट होने वाले बहुजन समाज पार्टी के विधायक बाहुबली की सोमवार को दिन में पंजाब के मोहाली व लखनऊ की कोर्ट में पेशी होगी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होने वाली पेशी को लेकर भी बांदा जेल में सुरक्षा काफी सख्त है। करीब पांच दिन से बांदा जिला जेल की बैरक नम्बर पांच में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी की सारी मुख्तारी अब यहां पर खत्म हो चुकी है।
मुख्तार अंसारी की सोमवार को पंजाब की मोहाली कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी होगी। पंजाब में रंगदारी के एक माके में बसपा नेता मुख्तार अंसारी की बांदा जेल से मोहाली कोर्ट में पेशी होनी है। लखनऊ में जेलर तथा डिप्टी जेलर के खिलाफ 21 वर्ष पुराने केस में मुख्तार की पेशी होगी। मोहाली की कोर्ट में जबरन वसूली के एक मामले की सुनवाई की जाएगी जबकि एक अन्य मामले में लखनऊ में जेलर और डिप्टी जेलर के साथ 21 साल पुराने मामले में आरोप तय होने हैं।
लखनऊ में तीन अप्रैल 2000 को जेलर एसएन द्विवेदी ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ थाना आलमबाग में दर्ज कराई थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक पेशी से वापस आए बंदियों को जेल में दाखिल कराया जा रहा था। इनमें से एक बंदी चांद को विधायक मुख्तार अंसारी के साथ के लोग बुरी तरीके से मारने लगे। वहां आवाज सुनकर जेलर एसएन द्विवेदी व डिप्टी जेलर बैजनाथ राम चौरसिया और कुछ अन्य बंदीरक्षक उसे बचाने का प्रयास करने लगे। इस पर उन्होंने इन दोनों जेल अधिकारियों व प्रधान बंदीरक्षक स्वामी दयाल अवस्थी पर हमला बोल दिया। वहां पर किसी तरह अलार्म बजाकर स्थिति को नियंत्रित किया गया। अलार्म बजने पर यह सभी भागने लगे। इसके साथ ही इन जेल अधिकारियों पर पथराव करते हुए जानमाल की धमकी भी देने लगे। इस मामले में युसुफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित व लालजी यादव आदि के साथ ही मुख्तार अंसारी को भी नामजद किया गया था। विवेचना के बाद इन सबके खिलाफ धारा 147, 336, 353 व 508 में आरोप पत्र दाखिल किया गया। आज इन पर आरोप तय होना है। इस मामले में मुख्तार के अलावा युसुफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित व लालजी यादव पर आरोप तय होना है। इनमें युसुफ चिश्ती व आलम न्यायिक हिरासत में जेल में हैं। कल्लू पंडित व लालजी यादव जमानत पर रिहा हैं। इस केस में मुख्तार अंसारी की अनुपस्थिति से आरोप तय नहीं हो पा रहा था।
विशेष जज पीके राय ने पिछली कई तारीखों पर मुख्तार अंसारी को पेश कराने के संदर्भ में यूपी पुलिस के संबधित आला अफसरों व जिला कारागार रुपनगर, पंजाब के वरिष्ठ अधीक्षक को भी निर्देश दिया था, लेकिन मुख्तार पेश नहीं हुआ था।
बांदा पुलिस सात अप्रैल को तड़के मऊ से बहुजन समाज पार्टी के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब की रूपनगर जेल से लाई थी। बांदा जेल में इससे पहले भी करीब दो वर्ष तक बंद रहने वाले मुख्तार ने करीब दो साल पंजाब की जेल में भी बिताए थे। मुख्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश में करीब 52 मामले दर्ज हैं।
माफिया से मिलने आए वकील को लौटाया: मुख्तार अंसारी से मुलाकात करने के लिए रविवार को उसके वकील बांदा जेल पहुंचे। कोरोना गाइड लाइन का हवाला देकर उन्हें लौटा दिया गया। उनका लाया गया सामान नियमानुसार 36 घंटे बाद माफिया को सौंप दिया जाएगा। पांच दिन बाद उससे मिलने प्रयागराज के अधिवक्ता अनिमेष शुक्ला पहुंचे। अधिवक्ता अनिमेष ने मुलाकात का आवेदन लिखकर दिया। सुरक्षाकर्मी ने लौटकर बताया कि कोविड-19 की गाइड लाइन को लेकर मुलाकात नहीं कराई जा सकती है। काफी देर तक इंतजार के बाद वह लौट गए।
देशी घी, अचार, खजूर और बिस्कुट दे गए: अनिमेष अपने साथ कुछ सामान साथ लेकर आए थे। जेलर के अनुमित नहीं देने पर लाया गया सामान गेट पर ही उन्होंने सुरक्षा कर्मियों के हवाले कर दिया। पॉलीथिन के कैरीबैग में देशी घी, अचार, खजूर, बिस्कुट, रूहआफजा समेत खाने का सामान था।
दो दिन पहले गले में थी खराश, स्वास्थ्य मिला सामान्य: माफिया मुख्तार के स्वास्थ्य की जेल में प्रतिदिन जांच की जा रही है। रविवार को जिला अस्पताल के चिकित्सक सहयोगी के साथ जेल पहुंचे और जांच की। उनका स्वास्थ्य सामान्य पाया गया है। शुगर व ब्लडप्रेशर आदि की जांच हुई है। दो दिन पहले जांच में मुख्तार के गले में खराश की शिकायत मिली थी।
तब चलती थी ‘मुख्तारी’, अब शिकंजे में माफिया: कभी बांदा मंडल कारागार में माफिया मुख्तार अंसारी की ‘मुख्तारी’ चलती थी। बैरक में ही सब सुविधाएं मिलती थीं। शिकायत पर इसकी उच्च स्तरीय जांच हुई तो घेरे में डिप्टी जेलर और बंदी रक्षक आए थे सुबूत नहीं होने से बच गए थे। इस बार उसके जलवे को ग्रहण लग चुका है। निगरानी इतनी कड़ी है कि वह पूरी तरह शिकंजे में है। पंजाब की रूपनगर जेल से बांदा लाया गया माफिया मुख्तार अंसारी 30 मार्च 2017 से जनवरी 2019 तक बांदा जेल में रह चुका है। तब जेल में उसका पता बैरक नंबर 15 ही था। उस समय उसकी बैरक में टीवी से लेकर मनोरंजन के साधन तो उपलब्ध रहते ही थे, उसके गुर्गे भी सेवा में लगे रहते थे। उसका अलग खाना भी बनता था। खाईंपुर व स्वराज कालोनी में गुर्गों ने किराये पर मकान ले रखे थे। समय-समय पर वह जेल में व्यवस्थाएं दुरुस्त कराते थे।
एक डिप्टी जेलर व कुछ बंदी रक्षक खाने के सामान से लेकर बाकी व्यवस्थाएं कराते थे। जांच में दोनों घेरे में आए थे। प्रभारी जेलर पीके त्रिपाठी का कहना है कि जेल में किसी को अलग से कोई व्यवस्था किए जाने की इजाजत नहीं है। कैमरे लगे होने से सबकुछ पारदर्शी है। उच्चाधिकारी खुद मानिटरिंग कर रहे हैं।