विश्व चिंतन दिवस के रूप मनी स्काउट के जनक की जंयती

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फर्रुखाबाद: समय प्रबंधन से जीवन को व्यवस्थित और सफल बनाया जा सकता है। नव युवकों के लिए स्काउट शैक्षिक आंदोलन है। यह बात कानपुर मंडल के प्रादेशिक सहायक संगठन कमिश्नर शंभू नाथ रे स्काउट के जनक लार्ड बेडेन पावेल की जयंती पर हुए कार्यक्रम में कही।
नगर क्षेत्र के कंपोजिट कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय में सोमवार को स्काउट के जनक लार्ड बेडेन पावेल और लेडी बेडेन पावेल की जयंती धूमधाम से मनाई गई। प्रादेशिक सहायक कमिश्नर शंभूनाथ पूर्व जिला स्काउट मास्टर चमन शुक्ला ने चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। संगठन कमिश्नर ने कहा कि विश्व के 224 देशों में स्काउट समाज सेवा का कार्य कर रहा है। स्काउट के जनक की जयंती को विश्व चिंतन दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। उन्होंने बच्चों को समय प्रबंधन कर जीवन में सफलता का मंत्र दिया। पूर्व स्काउट मास्टर चमन शुक्ला ने कहा कि लार्ड बेडेन पावेल का जन्म लंदन में आज ही के दिन सन अट्ठारह सौ सत्तावन को हुआ था। कहा कि सेना में स्काउट को गुप्तचर कहते हैं। संकट के समय छोटे-छोटे बच्चों और नव युवकों को गुप्त चर के रूप में प्रयोग किया जाता था। उन्होंने मधुबन खुशबू देता है गीत सुना कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका मनोरमा कनौजिया ने कहा की स्काउट का उद्देश्य बच्चों का सर्वांगीण विकास करना है। इससे सामाजिक सेवा, देश सेवा का भाव जागृत होता है। उन्होंने प्रेरणा गीत मिलकर करें प्रयास हमें परिवर्तन लाना है, घर-घर में शिक्षा का स्वर्णिम दीप जलाना है, सुना कर समाज को शिक्षित करने का संदेश दिया। शिक्षिका स्मृति चौहान ने कहा कि स्काउट में शामिल होकर शिक्षक और बच्चे अनुशासन का पाठ सीखते हैं। अकेले चलकर भी सफलता की राह पाई जा सकती है। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
इस मौके पर प्रभारी प्रधानाध्यापिका रेशमा बानो, नीलम, राजकुमारी कटियार, अर्चना , इकरा, हिना, राघव, कोमल इरम मौजूद रहीं।