फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) पाकिस्तान पर सन 1971 के युद्ध की ऐतिहासिक विजय की याद दिलाने के लिए सेना की विजय मशाल देश भर में निकल रही है। यह मशाल देश के कई हिस्सों से होते हुए शुक्रवार शाम उन्नाव से फतेहगढ़ छाबनी पंहुची| जिसका भारत माता की जय के साथ स्वागत किया गया|
भारतीय सेना ने 16 दिसंबर सन 1971 को पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। पाकिस्तान के 90 हजार से अधिक जवानों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। इस विजय की पचासवीं वर्षगांठ के अवसर पर पिछले साल 16 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल वॉर मेमोरियल में स्वर्णिम विजय मशाल प्रज्जवलित की थी। नेशनल वार मेमोरियल की अनंत ज्योति से प्रज्वलित चार स्वर्णिम विजय मशाल देश के अलग-अलग हिस्सों में जा रही हैं। यह मशाल परमवीर चक्र और महावीर चक्र विजेताओं के गांवों तक भी जाएगी। स्वर्णिम विजय मशाल लखनऊ से चलकर उन्नाव होते हुए फतेहगढ़ छावनी में पहुंची मशाल के मार्ग में दोनों तरफ सेना के जबान भारत माता का जयकार लगाकर स्वागत करते नजर आये| यह देखकर हर किसी का सीना गर्व से चौड़ा हो गया|
मशाल को पूरे सम्मान के साथ राजपूत रेजिमेंटल सेंटर फतेहगढ़ के क्वार्टर गार्ड में स्थापित किया गया। कल यह स्वर्णिम विजय मशाल 1971 के भारत-पाक युद्ध के हीरो लांस नायक दरिगपाल सिंह, महावीर चक्र(मरणोपरांत), राजपूत रेजीमेंट के पैतृक गांव नौगवां शाहजहांपुर में जाकर शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगी। शहीद के जन्म स्थान की मिट्टी को लिया जाएगा जो कि इस विजय मशाल के साथ राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नई दिल्ली में भेजी जाएगी।
लेफ्टिनेट कर्नल मुनेन्द्र सिंह, लेफ्टिनेंट निशान सिंह, सब मेजर अरिमर्दन सिंह आदि रहे |