फर्रुखाबाद:(नगर संवाददाता) कोरोना महामारी का समय किसी दैवीय आपदा से कम ना था| चारो तरफ चिंता परेशानी व लाचारी का माहौल बना रहा| महामारी की गंभीरता को देखते हुए किसी दूसरे व्यक्ति के सम्पर्क में आना व दूरी बनाये रखना गम्भीर समस्या थी|
जिले के जाने माने कैंसर सर्जन डॉ० युवराज सिंह निवासी बढ़पुर नें बताया कि चिकित्सक होनें के नाते ये दोनों ही काम बड़े मुश्किल थे| इस तरफ खुद की सुरक्षा और दूसरी तरफ मरीज की बीमारी का दर्द| मरीज को पास से देखनें व खुद को सुरक्षित रखकर समुचित इलाज उपलब्ध कराना दोनों ही बड़ी विषम परिस्थितियाँ थी| मरीज व चिकित्सक रूपी भगवान के सम्बन्ध को मैंने इस आपदा काल में अनुभव किया| उसे शब्दों में वयां नही किया जा सकता| मरीज घर से अस्पताल तक कितनी मुश्किल और मुसीबत पर पंहुचता है| यह इस दौर में भली भांति अनुभव किया| मैंने व मेरी टीम नें इस दौरान सभी खतरों को दर किनार कर विभिन्य जनपदों फिरोजाबाद, आगरा, कासगंज, एटा, मैंनपुरी, इटावा, कन्नौज, कानपुर, लखनऊ, शाहजहाँपुर व हरदोई से आये मरीजों का सफल परीक्षण और इलाज किया|
लॉक डाउन के समय टाटा बम्बई और राजीव गाँधी दिल्ली में इलाज करा रहे मरीजों का यहाँ उपचार किया| उस विषय समय में मरीजों को उपचार मिलना देव दर्शन तपस्या सेवा से कम नही था|
डॉ० युवराज बताते है कि लॉक डाउन के कारण उत्पन्न परेशानियों से रूबरू होकर मैंने व मेरी टीम नें कैंसर पीड़ित मरीजों का सफल परीक्षण व इलाज उपलब्ध कराया| बड़े जिलों में इलाज करानें वाले मरीजों को यंही कीमोथेरेपी दी गयी| लॉक डाउन के समय तकरीबन 5 हजार मरीज देखें और उन्हें उपचार दिया| 180 मरीजों की कीमोथेरेपी हुई| काफी मरीजों को ऑन लाइन सुझाव भी दिये गये| जिला प्रशासन और पुलिस की भरपूर मदद भी सराहनीय है|