लखनऊ: उत्तर प्रदेश में गांव की सरकार चुनने की कवायद गति पकड़ चुकी है। प्रदेश के पंचायती राज विभाग ने पंचायत चुनाव के लिए वार्डों के परिसीमन की सूची राज्य निर्वाचन आयोग को सौंप दी है।
उत्तर प्रदेश की 75 जिला पंचायतों, 826 क्षेत्र पंचायतों के अलावा 58194 ग्राम पंचायतों में अब नए परिसीमन के आधार पर चुनाव होंगे। परिसीमन के बाद अब जिला पंचायत के 3051 वार्ड होंगे। चुनाव क्षेत्र पंचायत के 75855 के साथ ग्राम पंचायतों के 7,31,813 वार्ड होंगे। पंचायती राज विभाग ने परिसीमन के बाद वार्डों की सूची जारी कर दी है। परिसीमन का ब्योरा मिलने के बाद अब राज्य निर्वाचन आयोग संबंधित क्षेत्र की मतदाता सूची को तैयार करने की प्रक्रिया शुरू करेगा। परिसीमन से प्रभावित न होने वाले क्षेत्रों की मतदाता सूची को आयोग अंतिम रूप से जारी कर देगा। प्रदेश की पंचायती राज निदेशक किंजल सिंह ने बताया कि परिसीमन के बाद 2015 की तुलना में ग्राम पंचायत वार्ड 7,44,558 से घटकर 7,31,813 रह गए हैं। इसी तरह क्षेत्र पंचायत सदस्य भी 77,801 से कम होकर 75,805 रहेंगे।
पंचायत चुनाव के लिए प्रदेश के 75 जिलों में परिसीमन के बाद 2015 की तुलना में जिला पंचायतों के 3120 वार्डों की संख्या घटकर 3051 रह गई है। गत पांच वर्षों में नगरीय निकायों के विस्तार के बाद से पंचायतों का दायरा सिमटा है। 880 ग्राम पंचायतें शहरी क्षेत्रों में विलीन हो गई हैं। परिसीमन के बाद ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत वार्डों की सूची जारी कर दी गई है। प्रदेश में इस बार 59,074 की बजाए 58,194 ग्राम पंचायतों में प्रधान चुने जाएंगे। इसके साथ ही साथ साथ ग्राम पंचायतों में वार्डों की संख्या भी 12,745 कम हो गई है। इसी क्रम में 826 ब्लाक प्रमुखों का चुनाव करने के लिए प्रदेश में 75,805 क्षेत्र पंचायत सदस्य चुने जाएंगे, जो वर्ष 2015 की तुलना में 1,996 कम होंगे।
परिसीमन के बाद इस बार 2015 के मुकाबले जिला पंचायतों के 3120 वॉर्डों की संख्या घटाकर 3051 कर दी गई है। इस बार 59,074 ग्राम पंचायतों की जगह 58,194 ग्राम पंचायतों में प्रधान चुने जाएंगे। इसी कारण चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे दावेदारों में काफी निराशा का माहौल है। नई सूची के अनुसार कई दावेदारों को दूसरे ग्राम पंचायत से चुनाव लड़ना पड़ सकता है या फिर नई ग्राम पंचायत से चुनाव लड़ना होगा। परिसीमन के बाद वर्ष 2015 की तुलना में ग्राम पंचायत वॉर्डों की संख्या 7,44,558 से घटाकर 7,31,813 कर दी गई है। लिहाजा इस बार ग्राम पंचायतों में वॉर्डों की संख्या 12,745 कम हो गई है। इसी तरह 77,801 क्षेत्र पंचायत सदस्यों की संख्या में कटौती करते हुए 75,805 की गई है।
36 जिलों में कोई बदलाव नहीं
प्रदेश के 75 में से 36 जिलों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। 36 जिले ऐसे भी हैं, जहां जिला पंचायत सदस्यों की संख्या में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है। तीन जिले ऐसे भी हैं जहां इस बार 2015 की तुलना में अधिक जिला पंचायत सदस्य चुने जाएंगे। इसमें गोंडा में 51 की जगह 65, मुरादाबाद में 34 की जगह 39 और संभल में 27 की जगह 35 जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित होंगे।
नहीं बढ़ी जमानत राशि व चुनावी खर्च की सीमा
राज्य निर्वाचन आयोग ने इस बार प्रत्याशियों से जमा कराई जाने वाली जमानत राशि और चुनावी खर्च की सीमा में बदलाव नहीं किया है इस बार भी चुनाव खर्च की सीमा पिछले बार यानी वर्ष 2015 पंचायत चुनाव के बराबर होगी। इस बार प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी सिर्फ 30 हजार रुपये खर्च कर सकेंगे। बीडीसी सदस्य 25 हजार, वार्ड मेंम्बर पांच हजार, जिला पंचायत सदस्य 75 हजार, ब्लॉक प्रमुख 75 हजार तथा जिला पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशी दो लाख लाख खर्च कर सकेंगे। चाहे प्रधान पद प्रत्याशी हों या फिर वार्ड मेंम्बर, बीडीसी सदस्य, ब्लाक प्रमुख सहित कोई भी पद हो, सभी को चम्मच से लेकर कुर्सी और दरी तक का हिसाब देना पड़ेगा। निर्वाचन आयोग के अनुसार, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में चुनावी खर्च की सीमा लागू कर दी गई है। कोई भी प्रत्याशी सीमा से ज्यादा खर्च नहीं कर सकेगा। ज्यादा खर्च करते हैं तो लिखित जवाब के साथ खर्च का हिसाब देना होगा। यह लोग नामांकन के दौरान रिटर्निंग अफसर को जानकारी देंगे।