चंदौली: आए दिन मौसम के बदल रहे मिजाज को देखते हुए अन्नदाताओं को अपने फसल की निगरानी निरंतर करनी होगी, ताकि फसल को रोग से बचाया जा सके। मौसम में बदलाव से सरसों की फसल पर माहू कीट का प्रकोप बढ़ सकता है। वहीं जिन किसानों की गेहूं की फसल 21 से 25 दिन की हो गई है, वे पहली ङ्क्षसचाई कर दें।
कृषि मौसम विज्ञानी कृष्ण मुरारी पांडेय ने बताया आगामी सप्ताह में वर्षा नहीं होने की संभावना है, लेकिन बादल छाए रहने के आसार हैं। औसत अधिकतम तापमान 24.0 से 27.0 डिग्री सेंटीग्रेड के मध्य, न्यूनतम तापमान 05.0 से 10.0 डिग्री सेंटीग्रेड के मध्य एवं आद्र्रता 83 से 87 फीसदी के मध्य रहेगी। सामान्य से तेज गति से पश्चिमी दिशा की ओर हवा चलने की संभावना है। सुबह के समय कोहरा रहेगा।
अगले पांच दिनों तक मौसम शुष्क रहने की संभावना को ध्यान में रखते हुए जिन किसानों की गेहूं की फसल 21 से 25 दिन की हो गई हो, वे पहली ङ्क्षसचाई करें। सिंचाई के तीन से चार दिन बाद उर्वरक की दूसरी मात्रा डालें। सरसों की फसल में माहू कीट की निरंतर निगरानी करते रहें। अधिक कीट पाए जाने पर रोगोर या क्यूनलफाश दो एमएल प्रति लीटर पानी में मिलाकर आसमान साफ होने पर छिड़काव करें। मटर की फसल में यूरिया या पोटेशियम सल्फेट दो फीसदी के घोल का छिड़काव करें। इससे मटर की फलियों की सख्यां में बढ़ोतरी होगी। साथ ही फसल का पाले से भी बचाव होगा।