प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बेसिक शिक्षकों के बीच सत्र में तबादलों को हरी झंडी दे दी है। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से तबादले करने मांग में दाखिल अर्जी को स्वीकार करते हुए यह राहत दी है। दिव्या गोस्वामी केस में दिए अपने ही आदेश को संशोधित करते हुए कोर्ट ने सिर्फ मौजूदा सत्र के लिए यह मंजूरी दी है। इसके साथ ही चिकित्सकीय आधार पर कभी भी स्थानांतरण करने की मांग करने की छूट भी दी है। इसे राज्य सरकार नीति के अनुसार मंजूरी दे सकेगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने दिया है। हाई कोर्ट ने तीन नवंबर के अपने आदेश में अंतर जिला तबादलों को लेकर जारी सरकार की गाइडलाइन को मंजूरी दे दी थी। लेकिन, बीच सत्र में किसी भी शिक्षक का तबादला करने पर रोक लगायी थी। अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी का कहना था कि सरकार ने स्थानांतरण सूची तैयार कर ली है। कोर्ट के आदेश के कारण इसे लागू नहीं किया जा रहा है।
वर्तमान सत्र में जब कोरोना वायरस संक्रमण के कारण स्कूल बंद हैं। ऐसी स्थिति में बीच सत्र में स्थानांतरण से शिक्षण कार्य में बाधा नहीं आएगी। इसके विपरीत इसका लाभ उन स्कूलों को मिलेगा जहां अध्यापकों के न होने से पद रिक्त हैं। ऐसे स्कूलों में शिक्षक न होने से प्राथमिक शिक्षा का लक्ष्य हासिल करने में दिक्कत आ रही है। कोरोना काल में सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के परिणाम उन स्कूलों में बेहतर मिले हैं जहां शिक्षकों की पर्याप्त संख्या है।
हाई कोर्ट ने इस दलील पर सिर्फ मौजूदा सत्र के लिए बीच सत्र में स्थानांतरण करने की मंजूरी दी है। इसी तरह चिकित्सकीय आधार पर स्थानांतरण के संबंध में भी अपर महाधिवक्ता ने आदेश में ढील देने की मांग की। याची के अधिवक्ता नवीन शर्मा ने भी विरोध नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि सरकार चिकित्सकीय आधार पर स्थानांतरण को मंजूरी देते समय गाइडलाइन का सख्ती से पालन करे।
सरकार प्राथमिक शिक्षा के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए गंभीर
हाई कोर्ट ने 24 नवंबर को दिए आदेश में संशोधन की अर्जी पर सुनवाई करते हुए महानिदेशक बेसिक शिक्षा और सचिव बेसिक शिक्षा प्रयागराज को तलब किया था। कोर्ट ने उनसे बताने को कहा था कि सरकार शहरी क्षेत्र के सुविधा संपन्न स्कूलों और ग्रामीण परिवेश के बच्चों के बीच की खाई पाटने के लिए क्या प्रयास कर रही है? कोर्ट के आदेश पर हाजिर हुए महानिदेशक विजय किरन आनंद और सचिव प्रताप सिंह बघेल ने कोर्ट को कोरोना काल में प्राथमिक शिक्षा के लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी दी।बताया कि लाकडाउन में ई-पाठशाला, वाट्सएप ग्रुप मैसेजिंग और दीक्षा एप जैसे साधनों से बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने का प्रयास सरकार कर रही है। यद्यपि अभी सफलता सीमित है, लेकिन, उम्मीद है सौ फीसदी लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाएगा। कोर्ट ने अधिकारियों द्वारा पेश दस्तावेजों और जानकारियों को देखने के बाद कहा कि इससे लगता है कि सरकार प्राथमिक शिक्षा के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। हालांकि अभी भी डिजिटल खायी को पाटने में लंबा समय लगेगा।