फर्रुखाबाद:(राजेपुर प्रतिनिधि) शासन के निर्देश पर रविवार को अपने कर्तव्यों का निर्वाहन करने पंहुचे अफसरों नें केबल महिला मजदूरों की सुरक्षा का घेरा कागजों पर ही खीच कर सरकार के निर्देशों पर कालिख पोतने की तैयारी कर ली| उन्हें भट्टों पर महिला मजदूरों के सम्बन्धित सभी सुबिधायें सम्पूर्ण मिली| लेकिन जब अफसरों से सबाल किया गया कि महिला मजदूरों के इज्जत घर का क्या वह तो भट्टो पर बने ही नही| क्या खेतों में शौच जानें से सरकार के स्वच्छ भारत अभियान को नही लग रहा ? क्या खेतों शौच जाने से महिलाओं की सुरक्षा को खतरा नही है?
दरअसल अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी के द्वारा जारी किये गये आदेश के क्रम में जिला श्रम प्रवर्तन अधिकारी आर के गुप्ता, खनन निरीक्षक राजीव रंजन और थानाध्यक्ष देवेन्द्र गंगवार नें तहसील अमृतपुर क्षेत्र के ईंट भट्टो का निरीक्षण कर उस पर काम कर रहीं महिला श्रमिकों के बारे में रहन-सहन और सुरक्षा मानकों की जानकारी ली| लेकिन अधिकारियों नें जाँच के नाम पर लीपापोती से जादा कुछ नही किया|
पहले पूरा मामला समझ लें | दरअसल भट्टे के लिए ईसी पर्यावरण एवं वन मंत्रालय भारत सरकार के आदेश से जिला स्तर से जारी होती है| जिसमे भट्टा मजदरों के लिए साफ पानी और शौचालय की व्यवस्था करने की भी शर्त तय होती है| लेकिन जिले के अधिकतर भट्टों पर शौचालय नही बनाये गये है और इस हालत में काम करने वाली मजदूर वर्ग की महिलायें मजबूरी में खेतों में शौच जाती है| जिससे उनकी सुरक्षा प्रभावित वर्षों से हो रही है| जो जिले के किसी भी जिमेम्दार को नही दिखती|
रविवार को फिर वही हुआ भट्टों पर काम कर रहीं महिला मजदूरों के लिए शौचालय उन्हें बने नही मिले जिस पर वह चुप्पी साधे रहे| चुप्पी क्यों साधे रहे यह तो अपना अंदाज आप खुद लगायें| लेकिन जब इस सम्बन्ध में खनन निरीक्षक राजीव रंजन से वार्ता की गयी तो उन्होंने बताया कि उन्हे भट्टो पर महिलाओं का रहन-सहन ठीक मिला| उन्होंने बताया कि महिलाएं संतुष्ट मिलीं| लेकिन जब शौचालय की बात जाननी चाही तो साहब हडबडा गये| उन्होनें बताया की सभी को एक सप्ताह में आस्थाई शौचालय बनाये जाने के निर्देश जारी किये है| जब यह पूंछा की अभी तक आप लोगों की नजर किसी शौचालय विहीन भट्टे पर क्यों नही पड़ी जबकि अधिकतर भट्टो पर शौचालय नही है तो साहब चुप्पी साध गये|