फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) पुलिस व यातायात पुलिस वाहनों के कागजात की जांच तक सीमित हो गए हैं। नशे में वाहन चलाने वालों संग नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने की कभी जांच नहीं होती। हेलमेट व सीट बेल्ट की जांच भी कभी-कभी ही होती है। यही कारण है कि नियमों की अनदेखी कर वाहन वाहन चलाते हैं। प्रतिफल हादसे होते हैं और लोग असमय जान गंवा देते हैं।
नियमित जांच न होने से ट्रक, बस, ट्रेलर, टैंकर, जीप व अन्य वाहन चलाने वाले नशेड़ी चालक पकड़ में नहीं आते। लंबी दूरी वाले बसों के चालक अक्सर नशे में वाहन चलाते हैं। यह भी हादसे की प्रमुख वजह है। इससे लोगों की जान पर जोखिम बना रहता है। गंभीर बात यह है कि नाबालिगों के हाथ में वाहन की कमान से दुर्घटनाओं में बढ़ोत्तरी हो रही है। इस पर रोक के लिए जिम्मेदार भी लापरवाह बने हुए हैं।
बीच सड़क पर भरते हैं सवारी
लाल दरवाजे के निकट और रोडबेज बस अड्डे के ठीक सामने रोजाना उत्तर प्रदेश पुलिस के अलावा यातायात पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगती है। वहीं डग्गामार बस, मार्शल, बोलेरो, टेंपो आदि वाहनों के चालक बीच सड़क पर सवारी बैठाते हैं। इसके बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं है।
यह बोले जिम्मेदार
यातायात नियमों के प्रति लोगों को संवेदनशील होना होगा। हर दिन वाहन चालकों से जुर्माना वसूला जाता है। सुरक्षित यातायात के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। नशे में गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी| देवेश कुमार, यातायात प्रभारी