डेस्क: पंचमहोत्सव में इस बार दो तिथि एक साथ होने के कारण पंचकल्याण पर्व चार दिन में संपन्न हो जाएगा। क्योंकि इस बार धनतेरस और छोटी दीपावली एक ही तिथि में होने के कारण पंचमहोत्सव पर्व मनाया जाएगा। स्वार्थ सिद्धी योग में 17 साल बाद दीपावली का पर्व मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य मंजीत धर्मध्वज ने बतया कि पंचमहोत्सव धनतेरस से प्रारंभ होकर भाईदूज रहेगा।
क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य
इस बार दिवाली से पहले खरीदारी के लिए कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। धनतेरस इस बार 13 तारीख को मनेगी क्योंकि त्रयोदशी तिथि 13 तारीख में दिन में सायं 5:59 तक रहेगी । इस पर्व पर धनिया, पीतल, झाड़ू,अक्षत ,खील, चांदी और बर्तन खरीदना शुभ रहता है। ज्योतिषाचार्य सुशील शर्मा ने बताया कि 13 तारीख को ही सायं 5:59 से चतुर्दशी तिथि प्रारंभ होगी 14 तारीख की दोपहर 2:17 तक रहेगी। वैसे तो 13 और14 तारीख में चतुर्दशी तिथि का संयोग है अतः दोनों दिन ही छोटी दिवाली या रूप चतुर्दशी मनाई जा सकती है परंतु दीपावली का त्योहार रात्रि में मनाया जाता है इसीलिए चतुर्दशी तिथि का शुभ संयोग 13 तारीख में होने के कारण छोटीदीपावली 13 तारीख में मनाई जाए तो ज्यादा श्रेष्ठ रहेगी। इस बार दीपावलीपर खास बात यह है कि दीपावली 17 साल के बाद स्वार्थ सिद्धी योग बन रहा है।
पंच महोत्सव के शुभ मुर्हूत
ज्योतिषाचार्य राजेश भट्ट ने बताया कि त्रयोदशी तिथि 13 नवंबर को शाम 5:59 तक रहेगी और 5:59 से चतुर्दशी तिथि प्रारंभ होगी 14 तारीख की दोपहर 2:17 तक रहेगी। 14 तारीख में अमावस्या तिथि दोपहर 2:17 से आएगी अतः रात्रि में दीपावली का पर्व रहेगा। दीपावली पूजन सायं 5:24 से 8:06 के बीच में प्रदोष काल और लाभ के चौघड़िया में उत्तम रहेगा। 15 नवंबर को सुबह 10:36 से प्रतिपदा तिथि आ जाएगी। इसी में काल में गोवर्धन पर्व मनाया जाएगा। गोवर्धन पूजन शाम 3:17 से 5:24 के बीच में श्रेष्ठ रहेगा। 16 नवंबर को भाई बहन का त्योहार भैयादूज मनाया जाएगा उस दिन तिलक दोपहर 1:10 से 3:18 के बीच में किया जाएं तो श्रेष्ठ रहेगा।