जिले में फिर शुरू हुआ खनन का काला खेल, सिस्टम हुआ फेल!

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फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) जिले में अवैध खनन का कारोबार तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है। अवैध कारोबारी मिट्टी और बालू के नाम पर अपनी जेब भर रहे हैं। कहीं रात के अंधेरे में तो कहीं दिन के उजाले में यह खेल फल फूल रहा है। बड़े पैमाने पर चल रहे इस खेल को लेकर जिम्मेदार सब जानते हैं लेकिन कार्रवाई के बजाय सभी नजरें फेरे रहते हैं। खास बात यह है मिट्टी का खनन करने से लेकर उसे ठिकाने तक पहुंचाने में अवैध कारोबारी नियमों को अपने सिस्टम के जरिए फेल कर देते हैं। पुलिसकर्मी दबी जुबान इस खेल के फलने फूलने की बात स्वीकार भी करते हैं।
इस समय खनन का काला कारोबार चरम पर है| लेकिन इसके बाद भी जब खबर प्रकाशित की जाती है तो अफसर अपनी साख बचाने के लिए दो चार का चालान काटते है लेकिन बाद में वही ट्रैक्टर, जेसीबी और डम्पर अपने टायरों तले सरकार के फरमान को रौंदने का काम शुरू कर देते है| बीते दिनों से नेकपुर कला में एक पुराने तालाब में डम्पर से मिट्टी डालने की रफ्तार तेज है| पूरे क्षेत्र को पता है कि आखिर खनन कहाँ से और किस तरह से अबैध रूप से हो रहा है केबल जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी बखूबी चुप रहकर निभा रहें है| पता चला है कि
काफी दिनों से गांव की जमीनों को अवैध रूप से खोखला किया जा रहा है। गांव के ग्रामीण इसका विरोध करते हैं तो उनकी ही जान पर बनी रहती है। कई स्थानों पर खाकी, खादी के गठजोड़ से अवैध खनन किया जा रहा है। वैसे अवैध खनन के यह मामले एक बानगी मात्र है हकीकत में इस प्रकार का अवैध धंधा जिले के दर्जनों स्थानों पर बेखौफ तरीके से चल रहा है। शायद यही कारण है कि बेधड़क चलने वाले अवैध खनन को रोकने के नाम पर एक दो धर पकड़ की औपचारिकता मात्र की जाती है।
रात के अंधेरे में होता खनन
जानकार सूत्रों की मानी जाए तो अवैध कारोबारी इसके लिए चिह्नित स्थान पर रात के अंधेरे में मशीनों से अवैध खनन करते हैं। इसके बाद यहां से निकलने वाली मिट्टी को ठिकाने तक पहुंचाने के लिए डंफर और ट्रैक्टर आदि जब वहां से अपने गन्तव्य को रवाना होते हैं तो आगे आने वाले खतरों की निगरानी के लिए अधिकांश सफेद रंग की लग्जरी गाड़ियां उनकी पेट्रोलिंग करती हुई चलती है। जो आने वाले खतरे से बचने के लिए मोबाइल फोन के जरिए पूरा नेटवर्क दुरस्त रखती है। इस बीच यदि कोई कोई संकट आता है तो वाहन सवार अवैध कारोबारियों के गुर्गे पहले से एलर्ट कर देते हैं।
पुलिस अधिकारियों के घरों की भी निगरानी
सूत्रों की माने तो जब कभी कोई सख्त अधिकारी आ जाता है तो उससे निपटने के लिए अवैध कारोबारी उसकी भी नाकेबंदी करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते। होता यह है कि अवैध खनन करने वाले खदान से गाड़ियों को बाहर निकाले के लिए जैसे यह लोग सीधे उस अधिकारी की लोकेशन लेने के लिए उसके बंगले आफिस के आसपास अपनी अपनी गाड़ियों पर सवार होकर खड़े हो जाते हैं। इसके बाद एक गाड़ी मिट्टी लेकर निकल रहे डंपर और ट्रैक्टरों के आगे आगे चलती है। ताकि कोई खतरा सामने से आने पर वह उन्हें पहले से सचेत कर सके।
खनन निरीक्षक राजीव रंजन नें बताया खनन को लेकर लगातार कार्यवाही चल रही है| नेकपुर में चल रहे डम्परों को पकड़ने का प्रयास किया गया था लेकिन वह हाथ नही लगे है| खनन पर कार्यवाही जारी है| लगातार खनन करने वालों पर नजर रखी जा रही है| जल्द कार्यवाही अमल में लायी जायेगी|